कर्नलगंज कस्बे में खुलेआम गांजा,चिप्पड़ का हो रहा अवैध कारोबार (स्थानीय पुलिस के नाक के तले नशीले पदार्थों की बिक्री करके युवा पीढ़ी को किया जा रहा बरबाद, हुई शिकायत)
कर्नलगंज, गोण्डा। कोतवाली कर्नलगंज अन्तर्गत ग्राम देवी तिलमहा निवासी अंकित सिंह ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की है। जिसमे कहा गया है कि बीते दिनों वह अपने मित्र को रेलवे स्टेशन पर छोड़ने गया था। जहां माल गोदाम के पास मन्दिर पर एक दिव्यांग हिस्ट्रीशीटर भीड़ लगाए खुले आम गांजा/चिप्पड़ बेंच रहा था, जिस कारण उसने वीडियो बनाना शुरू किया। जिस पर गांजा की बिक्री कर रहे दिव्यांग व्यक्ति के कार्यकर्ताओं ने उसके जेब मे रखा 3000 रुपया निकालते हुये उसे मारना शुरू कर दिया। यही नहीं उसकी मोबाइल भी छीनकर तोड़ दिया। जिसमें उसका पैर टूट गया और वह बेहोश हो गया इसी बीच उसके जेब मे अल्पराक्स टेबलेट रखवा दिया गया। सूचना पाकर परिवार के लोग आए और उसे कोतवाली ले गये। पीड़ित का आरोप है कि उसकी तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन गांजा व चिप्पड़ की बिक्री पर कोई असर नही पड़ा। आज भी पूरे क्षेत्र में गांजा/चिप्पड़ की बड़े पैमाने पर सप्लाई करते हुये वह रेलवे स्टेशन के माल गोदाम के पास मन्दिर परिसर में बैठकर खुलेआम गांजा/चिप्पड़ की बिक्री करके युवा पीढ़ी को बरबाद कर रहा है और पुलिस सब कुछ जानकर भी गांजा/चिप्पड़ बेंचने में सहयोग कर रही है। पीड़ित ने गांजा/चिप्पड़ की बिक्री पर अंकुश लगाने की मांग की है। उक्त संबंध में नगर चौकी प्रभारी दिवाकर मिश्र का कहना है कि पूर्व में दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। जिसमे दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज है। जिसकी विवेचना चल रही है। उन्होंने बताया कि आरोपी व्यक्ति का आपराधिक इतिहास है लेकिन वर्तमान में वह दोनो पैर से दिव्यांग है, उसका भाई जेल में है। फिर भी यदि वह गांजा व चिप्पड़ बेंचते हुये मिला तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। वहीं सूत्रों के अनुसार उक्त नशे का अवैध कारोबार पुलिसिया संरक्षण में फल-फूल रहा है और खुलेआम नशीले पदार्थों की बिक्री करके युवा पीढ़ी को बरबाद किया जा रहा है जिससे पुलिस जानबूझकर मूकदर्शक बनी है।