

अगर आपके इलाके में कहीं आग लगे तो आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगड आती है मेहनतकश जवान खुद की परवाह किए बगैर आग पर काबू पाते हैं लेकिन इन दिनों मैन पावर की कमी से जूझ रहा इनका विभाग परेशान है। मात्र 12 गाड़ियों के सहारे 54 लाख की आबादी है लिहाजा अब इस व्यवस्था के सुधार की जरूरत है।
आजमगढ़ जिले की आबादी लगभग 54 लाख है। आग लगने पर बुझाने के लिए फायर स्टेशन के पास मात्र 12 वाहन हैं। इतना ही नहीं फायर स्टेशन मैन पावर की समस्या से भी जूझ रहा है। 120 पदों के सापेक्ष 61 फायर मैन ही यहां तैनात है। ऐसे में अगर जिले में आगलगी की घटनाओं पर चुनौती पानी टेढ़ी खीर होगी।
जिले की भौगोलिक स्थिति को देखें तो आगलगी की दृष्टि से देवारा क्षेत्र सबसे अधिक संवेदनशील माना जाता है। यहां जब आग लगती है तो पूरी की पूरी बस्ती ही साफ हो जाती है। देवारा क्षेत्र में आग पर काबू पाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। जिले का क्षेत्रफल काफी बड़ा है। इसे देखते हुए हर तहसील में फायर स्टेशन की जरूरत है।लेकिन, जिले में अभी तक सभी तहसीलों में फायर स्टेशन की स्थापना नहीं हो सकी है। इसके कारण गर्मी का मौसम आगलगी की घटनाओं में सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है। इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अस्थाई फायर स्टेशन बनाए जाते हैं। विगत वर्ष आगलगी की 450 घटनाएं हुई।
इन घटनाओं में करोड़ों की क्षति हुई। वर्तमान में जिले में फायर स्टेशन के पास कुल 12 गाड़ियां हैं जिनमें आठ बड़ी और चार छोटी गाड़ियां हैं। फाल्गुन मास की शुरूआत हो चुकी है और जिस तरह से मौसम का पारा तेजी से चढ़ रहा है, उससे गर्मी जल्द ही आ सकती है। इसके साथ ही आग लगने की घटनाओं में भी वृद्धि होनी तय है।
ऐसे में फायरमैनों की कमी भी विभाग के समक्ष चुनौती खड़ा करेगा। विभाग में फायरमैनों के कुल 120 पद हैं इसके सापेक्ष में वर्तमान में 61 की ही तैनाती है।
अब आगलगी की घटनाओं का पता कर मुकदमा भी दर्ज कराएगी फायर ब्रिग्रेड टीम
अक्सर आगलगी की घटनाएं खेतों में अवशेष जलाने और बिजली के शार्ट सर्किट के कारण होती हैं। लोगों द्वारा दिन के समय ही खेतों में अवेशेषों को जलाया जाता है। इस दौरान चलने वाली तेज हवाओं के कारण अक्सर आगलगी की घटनाएं होती है। इस पर लगाम लगाने के लिए अब फायर ब्रिगेड घटना के कारण का पता लगाकर जिम्मेदार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराएगा।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी विवेक कुमार शर्मा ने बताया कि हम प्रशासन से मांग किए हैं तालाबों और पोखरों में पानी भरा रखें। जल-जीवन मिशन की जो पानी की टंकियां लगी है उन पर हाइड्रेंट लगाएं। ताकि हमें जरूरत पड़ने पर पानी मिल सके। हमारी लोगों से अपील है कि वह दिन के समय हवा तेज रहे उस समय कहीं भी आग न लगाएं।
रात के समय आग जलाएं और मौके पर दो से तीन बाल्टी पानी की जरूर रखें। ताकि अगर आग इधर-उधर फैलती है तो उसे तत्काल काबू कर सकें।