#छह साल के मासूम का पहले अपहरण…फिर मरा समझ झाड़ियों में फेंका, 10 दिन बाद मिला जिंदा; ऐसे खुला राज#

 नोएडा शहर के फेज वन थाना के सेक्टर पांच हरौला से 17 नवंबर की सुबह लापता हुए छह साल के बच्चे का अपहरण हुआ था। बच्चे के पिता के साथ काम करने वाला बेलदार ने घटना को अंजाम दिया था। 

बच्चे को खोजने में शामिल आरोपित तक पुलिस एक सीसीटीवी फुटेज से पहुंची। बच्चा गाजियाबाद के बाल आश्रम में सकुशल मिल गया था। डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि 17 नवंबर को हरौला के अंगद तांती का छह वर्षीय बेटा लापता है। 

टीम ने खोजबीन शुरू की उसी दिन गली से बारात जाने की वजह से ऐसा लगा कि जैसे बच्चा बारात में चला गया हो लेकिन बारात के वीडियो आदि देखने पर कोई सफलता नहीं मिली। 

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

खोजबीन के दौरान 23 नवंबर को अंगद के घर से कुछ दूरी पर लगे सीसीटीवी का फुटेज में अंगद के साथ काम करने वाले बेलदार धीरज मूल निवासी बिहार अरवल सिकंदरपुर व हाल पता हरौला के साथ जाता दिखा।

 

पुलिस (Noida Police) ने आरोपित को बुधवार को हरौला पार्क के पास से गिरफ्तार किया। पूछताछ में बताया कि 17 नवंबर की सुबह बच्चे को लेकर नोएडा से आनंद विहार और फिर साहिबाबाद नागद्वार के पास जंगल में गया और वहां पर गला दबा मारकर फेंक आया है।

आरोपित ने बताया कि दो माह पहले अंगद से हुए विवाद का बदल लेने के घटना को अंजाम देने की योजना बनाई थी। धीरज को पता था कि बच्चे का असली पिता सविता का पूर्व पति प्रेम है और वह बच्चे को वापस लेना चाहता है।

 

आरोपी ने वारदात के बारे में खोला राज

कोर्ट से लेने की धमकी दे रहा है। इसका फायदा उठाने के लिए धीरज ने बच्चे को अपहरण कर मारने का प्लान बनाया था। ताकि प्रेमी बच्चे को मारने के शक में अंगद और उसकी पत्नी पर मुकदमा दर्ज करा दे।

 

पुलिस ने मौके पर जाकर देखा तो शव नहीं मिला। स्थानीय लोगों से जानकारी करने पर पता चला कि 10-11 दिन पहले एक बच्चा मिला था और साहिबाबाद पुलिस ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश कर बच्चे को बाल आश्रम में रखा हुआ है।

 

पुलिस बाल आश्रम में पहुंचकर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। बच्चे ने बताया अंकल (धीरज) मुंह दबाकर पिटाई की थी और जंगल में फेंक दिया था। सुबह होने पर जागा तो पैर में बंधी रस्सी को खोला और आसपास चप्पल खोजीं लेकिन नहीं मिलीं तो नंगे पैर सड़क पर आया तो लोगों ने पुलिस के पास पहुंचाया था। पुलिस बहुत सारे बच्चों के पास (बाल आश्रम) छोड़ आई थी।

 

खोजने का करता रहा बहाना

आरोपित शुरुआत में बच्चे को खोजने का तीन-चार दिन तक नाटक करता रहा था लेकिन मुकदमा दर्ज होने पर दूसरी जगह काम मिलने का बहाना बनाकर छिपकर रह रहा था।