सुलतानपुर। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सेंसर व सीसीटीवी लगाने का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकारण ने एक्सप्रेस-वे पर रफ्तार को कम करने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है।तीन से छह माह की अवधि में उपकरण लगाने का कार्य पूरा किया जाना है।हादसों से मानव सुरक्षा के लिए घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए नौ एम्बुलेंश की भी व्यवस्था की गई है।
जनपद से गुजरे 340.824किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए लगातार कवायद चल रही है। एक्सप्रेस-वे पर रफ्तार कम करने के लिए 20 सेंसर व 350 सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना बनी थी। इसके साथ ही 16 अत्याधुनिक सुविधाओं से लैश लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस को शामिल किया गया था। मगर एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के दौरान यह कार्य पूरा नहीं हो पाया था। इस परियोजना को अब उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण ने पूरा करने की ठान ली है। यूपीडा ने अधूरे कार्य को पूरा कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। तीन से छह माह तक कार्यदायी संस्था को समय दिया गया है। लखनऊ जिले की सीमा के अंदर कोई सेंसर नहीं लगेगा। अमेठी सीमा के अंदर दो सेंसर, अयोध्या की सीमा में, सुलतानपुर की सीमा में चार सेंसर, अम्बेडकरनगर की सीमा में कोई सेंसर नहीं लगेगा। वहीं आजमगढ़ की सीमा में चार सेंसर,आजमगढ़ की सीमा में चार सेंसर, मऊ व गाजीपुर की सीमा में चार सेंसर लगाए जाने हैं।
50 किमी की दूरी पर लगेगा दोनों तरफ दो सेंसर: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 341 किलोमीटर की दूरी पर 20 सेंसर लगाए जाने हैं। सूनसान इलाके में सीधी एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ पोल के सहारे लगाए जाने हैं। इसके लिए 50 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई है। ताकि अधिक रफ्तार भरने वाले वाहनों के नम्बर को आसानी से कैंद किया जा सके। उसी दौरान वाहन स्वामी का चालन भी किया जा सके।
350 लगेंगे सीसीटीबी कैमरे: एक्सप्रेस-वे पर कुल 350 सीसीटीवी कैमरे लगाए जानें हैं। इन्हें टोल प्लाजा, अन्य जगहों पर एक्सप्रेस-वे हो रही गतिविधियों की निगरानी करने के लिए सीसीटीबी कैमरे लगेंगे। लखनऊ व गाजीपुर दोनों मुख्य टोल प्लाजा पर बड़े पैमाने पर कैमरों को लगाया जाना है।
एक्सप्रेस-वे पर आई नौ एम्बुलेंस आई:एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्यदायी संस्था यूपीडा की ओर से 341 किमी की दूरी पर हादसों को कबर करने व घायलों को जिला अस्पताल तक आसानी से पहुंचाने के लिए कुल 16 अत्याधुनिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की कार्य योजना बनी थी। इसमें से नौ एम्बुलेंस आ गई हैं।