राजेंद्र बाबू के आदर्शों को अपनाने का लिया संकल्प।
कर्नलगंज, गोण्डा। देश के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद की 189 वीं जयंती रविवार को बार एसोसिएशन करनैलगंज के संघ भवन में अधिवक्ता दिवस के रूप में सादगी के साथ मनाई गई और डॉक्टर साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
बार एसोसिएशन करनैलगंज के संघ भवन में देश के महान विभूति, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेंद्र प्रसाद जी की जयंती के अवसर पर बार व्यवस्थापक रामबाबू पाण्डेय व तहसील परिसर के मंदिर के पुजारी व मौजूद सभी अधिवक्ताओं ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और राजेंद्र बाबू के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया। तत्पश्चात अधिवक्ता चंद्र प्रकाश तिवारी व अधिवक्ता जे०पी०त्रिपाठी सहित विभिन्न वक्ताओं ने उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राजेन्द्र बाबू का जन्म आज ही के दिन तीन दिसंबर 1884 को जिरदोई में हुआ था जिसे अधिवक्ता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। अधिवक्ताओं ने डॉक्टर साहब के भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान तथा राष्ट्रपति के रूप में भारत को सजाने संवारने में उनकी भूमिका का उल्लेख किया। वक्ताओं ने कहा कि उनकी जीवन शैली और प्रतिभा अतुलनीय थी। देश की आजादी की लड़ाई में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर गांधी जी का सहयोग किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता रामबाबू पाण्डेय ने कहा कि सादा जीवन, उच्च विचार को अपने जीवन में उतारने वाले भारत रत्न डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी की चंपारण सत्याग्रह के दौरान भी काफी अहम भूमिका थी। इस आंदोलन के दौरान वो गांधी जी के काफी निकट रहे। इस दौरान महात्मा गांधी राजेंद्र बाबू से इतने प्रभावित हुए कि वो उन्हें अपना दायां हाथ मानने लगे थे। जयंती के इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता रामसभा मिश्र, अधिवक्ता सतीश मिश्र, अधिवक्ता जीत लाल गोस्वामी,अधिवक्ता दिलीप गोस्वामी, पत्रकार महादेव प्रसाद मौर्य, सूबेदार शुक्ल, हरीश शुक्ल, व संघ के चपरासी वीरेंद्र कुमार पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे।