रामसिंह मौर्या और सिपाही सतीश की हत्या तथा गैंगस्टर एक्ट के मामले में शनिवार को बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई। हत्या के मामले में वादी मुकदमा अशोक सिंह की अर्जी पर उच्च न्यायालय ने कार्यवाही पर रोक लगा दिया है। जिसके चलते विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए दिनेश कुमार चौरसिया ने दोनों मामलों में सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि नियत किया।
पहला मामला थाना दक्षिणटोला क्षेत्र का है। अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा अशोक कुमार सिंह की तहरीर पर पांच नामजद और कुछ अज्ञात हत्यारोपिय़ो के विरुद्ध दक्षिण टोला थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसमें मुख्तार अंसारी सहित पांच लोगों को नामजद किया गया था। आरोप है कि 19 मार्च 2010 को अजय प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह की हत्या के मामले के गवाह राम सिंह मौर्य और उनकी सुरक्षा में लगा सिपाही सतीश की तत्कालीन एआरटीओ कार्यालय के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। मामले में दोनों पक्षों की गवाही पूर्ण हो चुकी है। पत्रावली मे बहस होना है। लेकिन मुख्तार अंसारी की ओर से प्रार्थना पत्र देकर आरक्षी राजेंद्र यादव, संतोष सिंह व राजेंद्र प्रसाद को सफाई साक्ष्य के लिए तलब किए जाने की मांग की गई हैं।मामले में वादी मुकदमा की अर्जी पर उच्च न्यायालय ने कार्यवाही पर रोक लगा दिया है। जिसपर विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि नियत किया। दूसरा मामला सरायलखंसी थाना क्षेत्र का है। विधायक निधि के गबन के मामले को आधार बनाकर निरीक्षक रामसिंह तहरीर पर गैगेस्टर एक्ट के मामले में एफआईआर दर्ज हुई। इसमें मुख्तार अंसारी व अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए ने हाजिरी के लिए 15 जुलाई की तिथि नियत किया ।