#शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में गन हाउस मालिकों का बड़ा खेल, बिना सत्यापन खरीदे और बेच दिए विदेशी असलहे#
सपा विधायक के साले संदीप सिंह के फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण की जांच के दौरान गन हाउस मालिकों का खेल उजागर हुआ है। संदीप गन हाउस से विदेशी असलहे खरीदता और बेचता रहा था लेकिन इसका सत्यापन नहीं किया गया। इसलिए वह भी जांच की रडार में आ गए हैं। जांच पूरी कर साक्ष्य जुटाने के बाद इन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
इसमें लखनऊ के दो और कानपुर का एक गन हाउस शामिल है। एसटीएफ ने अवैध शस्त्र मामले में सपा विधायक अभय सिंह के साले संदीप सिंह को जेल भेजा था। संदीप सिंह के जरिये इंग्लैंड मेड राइफल व इटली की पिस्टल बरामद की गई। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि संदीप ने कई बार असलहे बेचे व खरीदे।
कानपुर के सुदर्शन आर्मरी से राइफल व पिस्टल ली थी। लखनऊ के नंदा गन हाउस से 2018 में नागालैंड से ट्रांसफर कराए गए फर्जी लाइसेंस पर नई राइफल ली थी। अधिकारी गन हाउस को पुरानी राइफल बेची थी।
एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक फर्जी लाइसेंस पर असलहे बेच देना गन हाउस मालिकों की या तो लापरवाही है या फिर मिलीभगत है। इस संबंध में को सत्यापन कर प्रशासन को जानकारी देनी चाहिए। इसलिए इनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
दस्तावेज जुटाना हो रहा मुश्किल
मामला करीब बीस साल पुराना है। कई अहम दस्तावेज अभी भी एसटीएफ को नहीं मिल सके हैं। इसमें संदीप सिंह का राइफल का लाइसेंस की पत्रावली भी शामिल है। एसटीएफ ने जब गन हाउस मालिकों से पूछताछ की तो उन्होंने अपने आप को पूरी तरह से निर्दोष बताया। उनका कहना है कि उनको पता ही नहीं था कि लाइसेंस फर्जी था। पुराने कुछ दस्तावेज दिए हैं, जबकि तमाम दस्तावेज अभी उपलब्ध कराना बाकी है। इसके लिए सभी गन हाउस मालिकों ने कुछ दिन का वक्त मांगा है।
पूछताछ का दौर जारी
एसटीएफ मामले में तेजी से जांच कर रही है। दूसरी तरफ एसीपी हजरतगंज लाइसेंस सत्यापन प्रक्रिया संबंधी जांच कर रहे हैं। संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों से लगातार पूछताछ का दौर जारी है। असलहा बाबू, शस्त्र अधिकारी आदि से कई दौर की पूछताछ हो चुकी है। जब लाइसेंस ट्रांसफर हुआ था तब कौन कौन अधिकारी थी, उनका भी विवरण एसटीएफ ने जुटाया है। कई रिटायर्ड भी हो चुके हैं। एसटीएफ उनसे भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।