*बचपन का दोस्त ही निकला कातिल, भाइयों के साथ मिलकर उतारा था मौत के घाट- शव को लगाया था ठिकाने*

गोरखपुर जिले के चिलुआताल क्षेत्र के दुर्गापुर निवासी आकाश यादव की हत्या उसके बचपन के दोस्त राहुल ने अपने मौसेरे भाइयों पंचम उर्फ रिंकू व परशुराम के साथ मिलकर की थी। इसके बाद उसके शव को 29 मार्च की रात 11 बजे कोल्हुआ घाट से चिलुआताल नदी मे फेंक दिया था। 30 मार्च की सुबह शव बरामद होने के बाद मृतक के भाई ने चार लोगों के विरुद्ध नामजद तहरीर दी थी। हालांकि पुलिस की जांच में चारों निर्दोश निकले। शुक्रवार को पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
यह है पूरा मामला
एसपी उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी ने बताया कि सीडीआर और मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने पर राहुल की गतिविधि संदिग्ध दिखी। गुलरिहा पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो घटना का पर्दाफाश हुआ। पता चला आकाश की एक युवती से प्रेम था। कुछ दिनों से दोनों में बातचीत नहीं होने से वह काफी परेशान था। 29 मार्च को सुबह नौ बजे आकाश ने बचपन के दोस्त राहुल के साथ उसके मौसी के घर जंगल अयोध्या प्रसाद टोला रजहीं चला गया।
गमछे से गला घोंटकर उतारा था मौत के घाट
कुछ देर घर रूकने के बाद राहुल के मौसी के लड़के के आटा चक्की पर दोनों पहुंचे। दोपहर 12 बजे किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया। इसके बाद राहुल ने मौसेरे भाई परशुराम के साथ आकाश का गला गमछे से कस दिया, उसकी मौत हो गई। दोनों भाईयों ने उसके शव को सीढ़ी के रास्ते घसीटते हुए छत पर रख दिया। जगह का चयन करने के बाद रात में राहुल ने मौसेरे भाइयों परशुराम व पंचम के साथ मिलकर बाइक से आकाश के शव को नदी में फेंक दिया।

हत्या के मामले में आजीवन कारावास
हत्या का मामला सिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्र ने सहजनवां थाना क्षेत्र के ग्राम जोगिया कोल निवासी अभियुक्त मुरारी पांडेय को आजीवन कारावास एवं 20 हजार रूपए अर्थदंड से दण्डित किया है। अर्थदंड न देने पर अभियुक्त को छह माह 15 दिन का कारावास अलग से भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश सिंह एवं अजीत शाही का कहना था कि घटना 12 जुलाई 2010 की रात 9.45 बजे की है। वादिनी अनीता सिंह अपने पति धर्मेंद्र सिंह के साथ अपनी मां का इलाज कराकर गोरखपुर से घर वापस आ रही थी।

देईपार पुलिया के पास पहुंचे तो वहां एक मोटरसाइकिल के पास दो व्यक्ति खड़े थे। वादिनी और उसके पति धर्मेंद्र जैसे ही उन लोगो के करीब पहुंचे, उसमें से एक व्यक्ति ने अपने बगल से कट्टा निकाला और जान मारने की नीयत से वादिनी के पति धर्मेन्द्र सिंह को गोली मार दी। इलाज के लिए उसे मेडिकल कॉलेज ले गए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। दौरान विवेचना अभियुक्त का नाम प्रकाश में आया।