लखनऊ। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को शिवपाल यादव के घर असदुद्दीन ओवैसी, ओम प्रकाश राजभर और चन्द्र शेखर आज़ाद रावण ने बैठक की। इस दौरान चारों नेताओं ने आगे की चुनावी रणनीति पर चर्चा की। हालांकि इस मुलाक़ात को लेकर किसी नेता ने औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के चीफ शिवपाल यादव सियासी जमीन तलाश रहे हैं और विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
शिवपाल यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा हैं और उन्होंने आपसी मतभेद के बाद समाजवादी पार्टी से अलग होकर पार्टी बनाई थी। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के लिये पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को 11 अक्टूबर तक का समय दे रहे हैं, उसके बाद उनकी पार्टी प्रदेश की सभी 403 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बारे में फैसला करेगी । शिवपाल ने मंगलवार को इटावा जिला सहकारी बैंक के मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारी सोच समाजवादी रही है, और समाजवादी पार्टी बनाने मे नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ कंधे से कंधा मिला कर कठिन परिश्रम से पार्टी खड़ी की थी।
शिवपाल ने कहा, ‘‘हमें इंतजार है, सपा अध्यक्ष जो भी निर्णय करना हो कर लें। हमारी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का संगठन पूरे प्रदेश मे प्रबल रूप से प्रभावी और मजबूत है और पार्टी प्रदेश की सभी 403 सीटों पर अपने प्रत्याशी विधानसभा चुनाव मैदान खडे़ करेगी और दमदारी से चुनाव लडेगी और चुनाव जीतकर सरकार बनाएगी।
हैदराबाद से सांसद असदुदीन ओवैसी पर पूछे गये सवाल पर शिवपाल ने कहा कि ओवैसी देश के बड़े नेता हैं उनपर वे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ओवैसी की पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। हालांकि बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सीमांचल की पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी।