सिक्किम काशी संस्कृति समागम शुरू
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सिक्किम के राजभवन में त्रिदिवसीय शिव मंदिर पुनर्नवीकरण व सुंदरीकरण महोत्सव का तीन दिनी आयोजन
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काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र पांडे के नेतृत्व में 8 सदस्यीय दल सिक्किम पहुंच किया अनुष्ठान का शुभारम्भ
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वाराणसी 13 जुलाई:- सिक्किम राज्य के धन-धान्य, सुख-समृद्धि की अभिवृद्धि व राष्ट्र की मंगलकामना के साथ राजभवन सिक्किम में त्रिदिवसीय शिवमंदिर पुनर्नवीकरण एवं सुंदरीकरण तथा नन्दीश्वर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आज पूरे विधि-विधान के साथ शुभारंभ हुआ। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष डॉ नागेंद्र पाण्डेय के नेतृत्व में 8 सदस्यीय दल सिक्किम पहुंचा सिक्किम में आयोजित होगा 3 दिवसीय “सिक्किम काशी संस्कृति समागम”
इस अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र पाण्डेय की अगुवाई में अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। जिसमें राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य धर्मपत्नी कुमुद देवी मुख्य जजमान के रूप में उपस्थित रहे। इस अनुष्ठान में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर नागेंद्र पाण्डेय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्रो. भगवत शरण शुक्ल, प्रोफेसर पतंजलि मिश्र, प्रोफेसर माधव जनार्दन राटाटे, प्रो नारायण प्रसाद भट्ट राई, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के अनुपम दीक्षित, डॉ. मणि झा, डॉक्टर उत्तम ओझा, चार धाम नामची से पं. छबी लाल अधिकारी, पं. निर्मल गौतम, पं. पदम प्रसाद पोखरेल, पं. गंगाराम साप कोटा एवं तिब्बत रोड, गंगटोक के प्रसिद्ध गुरु दिवाकर प्रधान की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस आयोजन में सिक्किम और काशी की समृद्ध सांस्कृतिक संगम से पहले दिन की पूजा विधिवत संपन्न हुई।
इस अनुष्ठान में विशेष रूप से गंगटोक के प्रसिद्ध गुरु दिवाकर प्रधान ने शिवमंदिर पुनर्नवीकरण में कई महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए मार्गदर्शन दिया। इस दौरान राज्यपाल ने सभी विद्वानों को इस महोत्सव में अपनी पावन उपस्थिति से गरिमा प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया।
महोत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक कार्य संपन्न किए गए जिसमें गणपति पूजन, कलश पूजन, हवन, नवग्रह होम, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठान,मंत्र पुष्पांजलि आदि कार्यक्रम शामिल रहे। इस अवसर पर राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति रही।
इस अनुष्ठान का समापन आगामी 15 जुलाई को होगा। जिसमें विशेष पूजा और ‘”संस्कृत भाषा का विकास”‘ पर संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। इस संगोष्ठी में संस्कृत से संबंधित विश्विद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय स्तर के शिक्षको को आमंत्रित किया गया है।
संवाददाता तौफीक खान