


गाजीपुर:(शमीम अंसारी)जखनियां: आयुष मंत्रालय के आह्वान पर मकर संक्रांति के मौके पर आज पहली बार वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया था।इस मुहिम में जखनियां तहसील सहित ग्रामीण अंचल के लोग भी शामिल हुए। बता दें कि आयुष मंत्रालय ने कोरोना महामारी को देखते हुए घरों पर ही सूर्य नमस्कार करने की सलाह दी है।आयुष मंत्रालय ने कहा कि ‘सूर्य नमस्कार’ सूर्य की प्रत्येक किरण के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए सूर्य को प्रणाम के रूप में किया जाता है,क्योंकि वह सभी जीवों का पोषण करता है।मंत्रालय ने कहा, ‘’वैज्ञानिक दृष्टि से, सूर्य नमस्कार को प्रतिरक्षा विकसित करने और जीवन शक्ति में सुधार करने के लिए जाना जाता है,जो महामारी की आज की इस स्थिति में लोगों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। सूर्य के संपर्क में आने से मानव शरीर को विटामिन डी मिलता है, जिसे दुनिया भर की सभी चिकित्सा शाखाओं में व्यापक रूप से मान्यता मिली है।मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के उत्तरायण होने का महापर्व है। गंगासागर में इस मौके पर महास्नान होता है। सनातन संस्कृति में इस पर्व का बहुत महत्व है।सूर्य की अक्षय उर्जा को यह पर्व खास तौर से मनाया जाता है। सूर्य नमस्कार के सामूहिक प्रदर्शन का उद्देश्य इसके जरिए जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का संदेश भी देना है।आज की दुनिया में जहां जलवायु जागरूकता जरूरी है वहीं, दैनिक जीवन में सौर ई-ऊर्जा (हरित ऊर्जा) के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आएगी, जिससे पृथ्वी को खतरा है।आयुत्र मंत्रालय ने भी अपने बयान में कहा है,कि यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में मकर संक्रांति के महत्व को रेखांकित करेगा।’’ सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए जाने वाले आठ आसनों का एक समूह है. इसे ज्यादातर प्रात: काल में किया जाता है।इस मुहिम में करीब 1 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है।

