#कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होगी#
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होगी. इसे लेकर पार्टी में खींचतान और विरोध में आवाज उठने लगी है. गुजरात में कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट अंबरीश डेर, विधायक अर्जुन मोढवाडिया, यूपी कांग्रेस से आचार्य प्रमोद कृष्ण जैसे नेताओं ने पार्टी के फैसले का मुखर विरोध किया है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भगवान राम देश के लोगों के लिए आस्था और विश्वास का विषय हैं कांग्रेस नेता अंबरीश डेर ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम हमारे आराध्य देव हैं इसलिए यह स्वभाविक है कि भारत भर में अनगिनत लोगों की आस्था इस नवनिर्मित मंदिर से वर्षों से जुड़ी हुई है. कांग्रेस के कुछ लोगों को उस खास तरह के बयान से दूरी बनाए रखनी चाहिए और जनभावना का दिल से सम्मान करना चाहिए. इस तरह के बयान से मेरे जैसे गुजरात कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के लिए निराशाजनक हैं इसी तरह, गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पोरबंदर से विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने एक्स पर लिखा और कहा, भगवान श्री राम आराध्य देव हैं. यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है. कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था <यूपी में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी सवाल उठाए और कहा, राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं. राम मंदिर को बीजेपी, आरएसएस, वीएचपी या बजरंग दल का मान लेना दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस हिंदू विरोध पार्टी नहीं है. ना राम विरोधी है. कुछ लोग हैं, जिन्होंने इस तरह का फैसला करवाने में भूमिका अदा की है. ये बड़ा गंभीर विषय है. आज मेरा दिल टूट गया है. इस फैसले से करोड़ों कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है. उन कार्यकर्ताओं और नेताओं का... जिनकी आस्था भगवान राम में है. कांग्रेस वो पार्टी है, जो महात्मा गांधी के रास्ते पर चलती है. कांग्रेस वो पार्टी है, जिसके नेता राजीव गांधी ने ही इस राम मंदिर का शिलान्यास, राम मंदिर के ताले खुलवाने का काम किया. भगवान श्री राम मंदिर के निमंत्रण को स्वीकार ना करना बहुत दुखद, पीड़ादायक और कष्टदायक है मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से सांसद नकुलनाथ ने राम मय देखे गए. उन्होंने एक वीडियो शेयर की है और लिखा, 4 करोड़ 31 लाख राम नाम लिखकर छिंदवाड़ा इतिहास रचने जा रहा है. आज उसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय कमलनाथ जी के साथ सिमरिया हनुमान मंदिर पहुंचकर पत्रक में राम नाम लिखा. आप सभी से अपील करता हूं कि इस ऐतिहासिक कार्य में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें. राम राम वहीं, कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता भी हैं, जो पार्टी के बचाव में उतर आए हैं. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, राम मंदिर हमारे जैसे लोगों के चंदे पर बन रहा है. हम सब लोगों ने चंदा दिया है. हमें इस बात पर आपत्ति है कि शंकराचार्य को अपमानित किया जा रहा है. राम मंदिर पर वीएचपी का क्या अधिकार है? हमने राम मंदिर के लिए दान दिया है. नरसिम्हा राव (पूर्व पीएम) ने चारों शंकराचार्यों को लेकर 'रामालय न्यास' बनाया था. यह आज भी कायम है. उसे निर्माण में अधिकार क्यों नहीं दिया. चंपत राय विहिप के प्रचारक हैं, जिन्होंने जमीन का घोटाला किया है. ऐसे व्यक्ति को (राम मंदिर) प्रमुख बनाया गया है, जो धर्म का अपमान कर रहा है और हिंदू नेताओं और धर्म को बांट रहा है. रामानंदी संप्रदाय और शंकराचार्य के बीच खाई पैदा कर रहा है. निर्मोही अखाड़े का अधिकार क्यों छीन लिया गया है? इनके पास बांटने के अलावा कोई काम नहीं है. पहले धर्म के नाम पर हिंदू-मुसलमानों को बांटा. अब भगवान राम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी, संघ और विहिप आज अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति चला रही है वहीं, कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता भी हैं, जो पार्टी के बचाव में उतर आए हैं. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, राम मंदिर हमारे जैसे लोगों के चंदे पर बन रहा है. हम सब लोगों ने चंदा दिया है. हमें इस बात पर आपत्ति है कि शंकराचार्य को अपमानित किया जा रहा है. राम मंदिर पर वीएचपी का क्या अधिकार है? हमने राम मंदिर के लिए दान दिया है. नरसिम्हा राव (पूर्व पीएम) ने चारों शंकराचार्यों को लेकर 'रामालय न्यास' बनाया था. यह आज भी कायम है. उसे निर्माण में अधिकार क्यों नहीं दिया. चंपत राय विहिप के प्रचारक हैं, जिन्होंने जमीन का घोटाला किया है. ऐसे व्यक्ति को (राम मंदिर) प्रमुख बनाया गया है, जो धर्म का अपमान कर रहा है और हिंदू नेताओं और धर्म को बांट रहा है. रामानंदी संप्रदाय और शंकराचार्य के बीच खाई पैदा कर रहा है. निर्मोही अखाड़े का अधिकार क्यों छीन लिया गया है? इनके पास बांटने के अलावा कोई काम नहीं है. पहले धर्म के नाम पर हिंदू-मुसलमानों को बांटा. अब भगवान राम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी, संघ और विहिप आज अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति चला रही है बता दें कि बुधवार को कांग्रेस ने एक बयान जारी किया और ऐलान किया है कि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने 22 जनवरी को अयोध्या के कार्यक्रम में शामिल होने के निमंत्रण को 'सम्मानपूर्वक अस्वीकार' कर दिया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने 'अधूरे' मंदिर के उद्घाटन के पीछे के मकसद पर सवाल उठाया है. उन्होंने इसे बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम बताया है. जयराम का कहना था कि भगवान राम हमारे देश में लाखों लोगों द्वारा पूजे जाते हैं. धर्म एक निजी मसला है. लेकिन आरएसएस/भाजपा ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बनाया है. उन्होंने कहा, बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है. 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/बीजेपी के कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है वहीं, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, वे (कांग्रेस) अपनी बयानबाजी में फंसे हुए हैं. उन्हें गंभीरता से क्यों लें? अगर वे नहीं जाएंगे तो उन्हें पछतावा होगा. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कहा, अगर सबसे पुरानी पार्टी राम लला के कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहती है तो यह उनकी पसंद है. हमने निमंत्रण भेज दिया है, अगर वे नहीं आना चाहते तो कोई बात नहीं अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मशहूर हस्तियों, उद्योगपतियों और अन्य लोगों समेत 6,000 से अधिक लोगों के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में भाग लेने की उम्मीद है. राम मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है. मंदिर ट्रस्ट को देश के सभी हिस्सों और यहां तक कि विदेशों से भी उपहार मिल रहे हैं. नेपाल के जनकपुर में सीता की जन्मस्थली से भगवान राम के लिए चांदी के जूते, आभूषण और कपड़े समेत 3,000 से अधिक उपहार अयोध्या पहुंचे हैं गुजरात के वडोदरा में छह महीने की अवधि में 108 फुट लंबी अगरबत्ती तैयार की गई है, जिसका वजन 3,610 किलोग्राम है और लगभग 3.5 फीट चौड़ी है. लखनऊ स्थित एक सब्जी विक्रेता ने विशेष रूप से एक ऐसी घड़ी डिजाइन की है जो एक ही समय में आठ देशों का समय बताती है. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान 200 किलोग्राम लड्डू अयोध्या भेजने की तैयारी कर रहा है. तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर ने भी घोषणा की है कि वो भक्तों को वितरण के लिए एक लाख लड्डू भेजेगा