टीएचआर प्लांट से स्वावलंबी होगी आधी आबादी

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आजमगढ़: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आंगनबाड़ी और गर्भवती महिलाओं के लिए पुष्टाहार बनाएंगी। इससे यह आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ ही स्वावलंबी बनेंगी। साथ ही बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों की बनाए गए पैकेट बंद पुष्टाहार से भी छुटकारा भी मिलेगा। समूह की महिलाओं की अच्छी खासी आय हो सकेगी तो महिलाएं सफल उद्यमी की भूमिका में दिखेंगी। इस परियोजना को अमलीजामा पहचाने के लिए जिले में कवायद तेज हो गई है।

जिले के छह विकास खंडों में टीएचआर (टेक होम राशन) प्लांट की मंजूरी मिल गई है। सफल संचालन के लिए प्रत्येक विकास खंड में नोडल सीएलएफ नामित किया गया है। जिले में पुष्टाहार इकाई स्थापित होने के बाद समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर पौष्टिक पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें 1800 समूह के सदस्य लाभांवित होंगे। जिन विकास खंडों में टीएचआर प्लांट की स्थापना की जानी है, उसमें ठेकमा, मार्टीनगंज, लालगंज, पवई, मेंहनगर और बिलरियागंज शामिल हैं। एक टीएचआर में 300 स्वयं सहायता समूह 30 हजार रुपये प्रति समूह टेक होम राशन उत्पाद इकाई स्थापना के लिए अंशदान करेंगे। प्रत्येक विकास खंड में 300 समूहों का एसोसिएशन आफ पर्सन(एओपी) का गठन किया जाएगा। विकास खंड ठेकमा व बिलरियागंज में 300 समूहों ने अंशदान पूर्ण कर लिया है। ठेकमा ब्लाक में एओपी का भी गठन पूर्ण कर लिया गया है। शेष विकास खंडों में एओपी गठन की प्रक्रिया चल रही है। जिले में कुल 1800 स्वयं सहायता समूह के सापेक्ष टीएचआर संबंधी अंशदान के लिए 1536 समूहों की मैपिग यूपीएसआरएलएम एक्टिविटी पर मैपिग कर ली गई है। अब तक 4,60,80,000 रुपये नोडल सीएलएफ में हस्तानांतरिक हो चुकी है।

”पुष्टाहार इकाई स्थापित होने के बाद जिले के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर पौष्टिक पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाएगा। जिसमें 1800 समूह के सदस्य लाभांवित होंगे।

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-मिथिलेश तिवारी, डीसी एनआरएलएम।