खुरासान माड्यूल के आंतकी सैफुल्लाह अपने संगठन को मजबूत करने के लिए युवाओं का ब्रेन वाश करके उन्हें जोड़ने का काम तेजी से कर रहा था। उसके लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपनाता था। इसके लिए उसने अपने रिश्तेदारों को भी संगठन में जोड़ने के लिए प्रयास किए थे। सैफुल्लाह ने अपने फुफेरे भाई को भी मिलने के बहाने से बुलाकर उस पर संगठन में शामिल होने का दबाव डाला था।
फुफेरे भाई के तैयार न होने पर उसने उसे दो लाख रुपये महीने की कमाई का लालच भी दिया, लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। यह जानकारियां सैफुल्लाह के फुफेरे भाई ने नेशनल इंवेस्गिेशन एजेंसी (एनआइए) विशेष कोर्ट में दर्ज कराए बयानों में दी है। मूलरूप से पुराना बेतवा घाट निवासी फरहान खां ने दर्ज कराए बयानों में बताया कि वह मोटर वाइंडिंग का काम करता है।
अक्टूबर 2016 में सैफुल्लाह ने उसे फोन करके मिलने के लिए बुलाया था तो फरहान ने घर आने को कहा था। इस पर सैफुल्लाह ने दानिश, फैसल और आतिफ के साथ होने की बात कहकर कहीं और मिलने को कहा तो कल्पवृक्ष के पास मिलने बुलाया था। वहां बैठकर बातचीत न हो पाने को लेकर सैफुल्लाह ने कहीं और चलने को कहा तो वह उन लोगों को सिटी फारेस्ट ले गया था। जहां सैफुल्लाह ने एक अरबी भाषा का वीडियो दिखा कर उसे संगठन में शामिल होने के लिए कहा,लेकिन वीडियो से कुछ समझ न आने पर उसने बाद में बताने को कहा।
वीडियो में आइएसआइएस का झंडा पीछे नजर आ रहा था। इस पर सभी ने उससे पासपोर्ट बनवाने के लिए कहा था, लेकिन उसने बाहर जाने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद सभी ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा और सैफुल्लाह ने अरबी में कुछ कहा। जिसे वहां मौजूद सभी लोगों ने दोहराया। दो दिन बाद उन लोगों ने उसे घाटमपुर में मिलने के लिए बुलाया था। जहां दोबारा उसे हिंदी में वीडियो दिखाकर संगठन में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया।
वीडियो में बताया जा रहा था कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है, गुजरात में मुसलिम मारे जा रहे हैं। वीडियो में दो भारतीय मौलानाओं की फोटो दिखाकर बताया कि यह लोग इस्लाम को बर्बाद कर रहे हैं। फरहान ने इस पर सैफुल्लाह से कहा कि यह लोग तुम्हें फंसा देंगे। इन लोगों से दूरी बनाओं नहीं तो तुम्हारे पिता से इसकी शिकायत कर दूंगा। जिसके बाद सैफुल्लाह वहां से चला गया था।
दिसंबर 2016 में फरहान के पास फैसल का फोन आया था उसने बताया कि वह सैफुल्लाह और दानिश के साथ मुंबई जा रहा है। काम नहीं मिला तो वहां से पाकिस्तान जाएंगे। जिस पर शाम को वह उन लोगों से मिलने के लिए रामादेवी पहुंचा भी था। फिर से उसे दो लाख रुपये प्रतिमाह की कमाई का प्रलोभन देकर संगठन में शामिल करने का प्रयास किया गया, लेकिन उसने इनकार कर दिया था।