#तिहरा हत्याकांड: महिला ने गला रेतकर पति और सौतेले दो बेटों को मार डाला, बोली- इज्जत की खातिर उठाना पड़ा कदम#
पुलिस तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर गई, जहां अवधेश को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। वहीं घायल बच्चों ने मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया
गोरखपुर जिले के सहबाजगंज में शनिवार रात महिला ने पति और सौतेले दो बेटों की गला रेतकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। महिला का आरोप है कि उसका पति बेटी पर बुरी नजर रखता था। उससे परेशान होकर वारदात को अंजाम देना पड़ा। दोनों बेटों को संपत्ति के लालच में आकर मार डाला।
जानकारी के मुताबिक, सहजनवां के वार्ड-पांच सहबाजगंज निवासी अवधेश (35) गुप्ता घर के पास चाट का ठेला लगाते थे। इनकी पहली पत्नी रेनू की वर्ष 2019 में कैंसर से मौत हो चुकी है। वर्ष 2020 में अवधेश ने संतकबीरनगर के धनघटा थानाक्षेत्र के गांव मझगांवा निवासी नीलम से दूसरी शादी कर ली।
नीलम के पहले पति की भी वर्ष 2012 में कैंपियरगंज में सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। शादी के बाद नीलम 12 वर्षीय बेटी के साथ अवधेश के घर आकर रहने लगी। कुछ समय बाद से ही दोनों में विवाद होने लगा। शनिवार रात करीब 1:30 बजे नीलम ने पुलिस को फोन किया।
बताया कि घर में बदमाश घुस आए थे। पति और दो बेटों आर्यन (7) और आरव (6) की हत्या कर दी है। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। तीनों बेसुध थे। मगर बेटों की सांसें चल रही थीं। सभी को अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। इधर, अवधेश की मां सुभावती देवी ने नीलम पर शक जाहिर किया।
दर्द से कराहते मासूम के आखिरी शब्द थे …बचा लो
सौतेली मां के हमले से घायल आर्यन दर्द से कराह रहा था। घर से मेडिकल कॉलेज तक उसकी आंखों से बेबसी के आंसू बहते रहे। गले में घाव की वजह से बोल नहीं पा रहा था। जिला अस्पताल में किसी तरह उसके मुंह से बस इतना ही निकला, मुझे बचा लो, बहुत दर्द है। इसके बाद उसका मुंह हमेशा के लिए बंद हो गया।
मासूम की इस दर्द भरी कराह से पुलिस और डॉक्टरों का भी कलेजा पसीज गया। आर्यन और आरव नीलम को मां कहते थे। दोनों उसकी गोद में खेले थे। महिला भले ही सौतेली मां हो, उसका कलेजा कैसे इतना कठोर हो जाएगा। अपनी बेटी के लिए संपत्ति का लालच पालकर मासूमों को मौत देने में जरा भी हाथ नहीं कांपे। यह सोचकर सब हैरान हैं।
नशे में हालत में की हत्या
पड़ोसियों से पूछताछ में भी यह बात सामने आई कि इतनी बड़ी वारदात के बाद भी कोई खटपट सुनाई नहीं पड़ी। इस पर नीलम और उसकी बेटी से अलग-अलग पूछताछ हुई। भय में बेटी ने बताया कि मां ने मारा है। आमना-सामना कराने पर नीलम टूट गई।
उसने बताया कि अवधेश बेटी पर गलत नजर रखता था। शनिवार को भी ऐसा हुआ। जब वह नशे में धुत होकर सोने लगा तो उसकी हत्या कर दी। बेटों को संपत्ति के लालच में मार डाला। प्रभारी एसएसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि अवधेश की मां सुभावती की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर आरोपी नीलम को कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। कत्ल में इस्तेमाल चाकू बरामद कर लिया है।
तिहरे हत्याकांड में विशेषज्ञों की राय
सामाजिक असुरक्षा की भावना जब इंसान के अंदर घर कर लेती है तो अक्सर व्यक्ति अपनी समस्या लोगों से कहना बंद कर देता है। ऐसे में ये भावना एक विकृत रूप ले लेती है। कभी भी कोई समस्या जीवन में आती है तो घर के बड़ों या मित्रों से बात करें। उनकी राय लें। आखिर इस कदम के उठाने के बाद भी सामाजिक असुरक्षा कम तो नहीं होगी। – सीमा श्रीवास्तव, मनोवैज्ञानिक
इस प्रकार की घटनाएं पारिवारिक विघटन का परिणाम हैं। ऐसी स्थिति में सामाजिक नियंत्रण की संस्थाएं अप्रभावी हो जाती हैं, जिससे संवेदनहीनता बढ़ती है। पारिवारिक संबंध अस्थिर व विकृत हो जाते हैं। वर्तमान संक्रमण के दौर में सामाजिक मूल्यों में गिरावट आ रही है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक हस्तक्षेप के साथ ही विभिन्न माध्यमों से काउंसलिंग पर जोर देना चाहिए। – दीपेंद्र मोहन सिंह, समाजशास्त्र विभाग, गोविवि