गाजियाबाद जिले के पहले पुलिस आयुक्त अजय मिश्रा ने पदभार संभालते ही बदलाव की समय सीमा तय कर दी. उन्होंने बुधवार को गाजियाबाद पुलिस लाइन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप महिलाओं की सुरक्षा और अपराध में कमी लाना प्राथमिकता होगी. उन्होंने ट्रैफिक जाम को अपराध की संज्ञा दी, इससे निपटने की भी पूरी तैयारी है.
पुलिस आयुक्त ने कहा कि जिले में तीन तरह से बदलाव दिखेंगे. सबसे पहले 10 से 15 दिन में शुरुआती बदलाव में डीसीपी और एसीपी की तैनाती की जाएगी. इसके बाद दो से तीन माह में जिले के आम लोगों को बदलाव दिखेंगे. हालांकि कुछ बदलाव में थोड़ा समय लगता है, उनमें समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि कमिशनरी बनने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यहां पर पुलिसबल बढ़ रहा है. करीब 1000 के करीब अराजपत्रित अधिकारियों की और 4 राजपत्रित अधिकारियों की तैनाती होगी. सुपरविजन करने वाले अधिकारियों की संख्या भी बढ़ जाएगी. पुलिसबल बढ़ने से साथ ही पेट्रोलिंग आदि बढ़ जाएगी. यह बदलाव जिले के लोगों को कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा
पुलिस आयुक्त अजय मिश्रा ने जाम को अपराध की संज्ञा दी
उन्होंने कहा कि जाम से दो चार लोग नहीं सैकड़ों लोग प्रभावित होते हैं, चाहे आफिस जा रहे लोग हों, स्कूल जा रहे बच्चे हों या फिर खदीदारी करने जा रही महिलाए हों. किसी का भी रास्ता रोकना अपराध है. शहर को इस अपराध से छुटकारा दिलाने के लिए कदम उठाए जाएंगे. जाम के कारणों को चिन्हित किया जाएगा और उनका समाधान किया जाएगा.
साइबर क्राइम रोका जाएगा
उन्होंने कहा कि एनसीआर का इलाका होने की वजह से यहां पर शिक्षित लोगों की तादाद अधिक है. इस वजह से यहां पर साइबर क्राइम अधिक होता है. अपराध पर लगाम लगाकर लोगों को ठगी से बचाया जाएगा.
जिले में तीन डीसीपी होंगे
पुलिस आयुक्त ने कहा कि कमिश्नरी बनने के बाद यहां पुलिस का मॉडल लगभग तय हो गया है. तीन डीसीपी की तैनाती की जाएगी. डीपीसी की तैनाती उसी आधार पर होगी जिस तरह अभी एसपी की तैनाती है. यानी एसपी सिटी,एसपी ट्रांस हिंडन और एसपी रूरल,उसी तरह डीसीपी की तैनाती की जाएगी