नवजात शिशुओं का ठंडी मे बचाव कैसे करें -डा.बीके यादव

गाजीपुर।(शमीम अंसारी)जखनिया सर्दी के समय में बच्चों में खांसी जुखाम बुखार तथा जो लोग सांस के रोगी हैं उनमें सांस का फूलना ज्यादा मिलता है। ऐसी बीमारियों से बचने के लिए जनरल फिजीशियन डा.बी.के.यादव ने कुछ महत्तवपूर्ण सुझाव दिए हैं।जिन का अनुकरण कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।नवजात शिशु के संदर्भ में- डा.यादव ने बताया कि अगर नवजात शिशु जो प्रिटर्म(जो बच्चे समय से पहले पैदा हुए)हैं उनको ऊनी वस्त्र से ढक कर रखें,सूती कपड़े को गर्म करके शरीर की सेकाई करें,दूध न पीने की स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से चिकित्सक के परामर्श लें।इस प्रकार नवजात बच्चों (जन्म के 28 दिन तक)का विशेष ध्यान रखें क्योंकि हाइपोथर्मिया का नवजात एवं प्रिटर्म बच्चों में बहुत ही खतरनाक स्थिति रहती है।तथा बड़े बच्चों में खांसी बुखार खर-खर श्वास आना,तथा जब श्वांस तेजी से चलने लगे वह स्थिति मरीज के लिये ठीक नही होती है।साथ ही साथ अंगुली,नाक,होंठ नीला/काला दिखाई देने लगे तो यह आक्सीजन की कमी को दर्शाता है तथा यह खतरनाक स्थिति रहती है। ऐसी स्थिति में भी तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।जहां पर ऑक्सीजन की व्यवस्था उपलब्ध हो।इस प्रकार की सतर्कता अपनाने से बच्चों की जान को बचाया जा सकता है।वयस्क लोगों के संदर्भ में- डा.यादव ने बताया कि ऐसा लक्षण जब वयस्क लोगों में दिखाई देने लगे तो इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों को विशेष रूप से सतर्क होने की आवश्यकता होती है।श्वास रोगियों को कुछ आवश्यक बातों का पालन करने की भी सलाह दी।जैसे गुनगुने पानी का प्रयोग करें,मास्क लगाएं,पालतू बिल्ली कुत्ते से दूर रहें।कल कारखानों के धूल धुआं से बचें,कोल्ड ड्रिंक व ठंडे फल का प्रयोग ना करें।मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें,मच्छर को मारने के लिए केमिकल का प्रयोग ना करें।श्वास में प्रयोग होने वाली दवा या इनहेलर का प्रयोग चिकित्सकीय परामर्श से करें।इस प्रकार श्वांस के रोगी को ठंड के मौसम में बचाया जा सकता है।इसके अलावा अगर सांस लेने में तकलीफ खरखराहट की आवाज के साथ सांस,सीने की पसली में खिंचाव आता है तो नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं इन सब लक्षण के साथ अगर अंगुली के सिरे पर,होठ,जीभ पर नीला,कालापन दिखाई दे तो उस स्थिति में उक्त रोगी को जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिये।क्योंकि इस स्थिति में न्यूबलाइजर व दवा के साथ ऑक्सीजन की भी आवश्यकता पड़ती है।इस प्रकार सतर्कता पूर्ण बर्ताव से श्वास के रोगी को गंभीर अवस्था से बचाया जा सकता है। उक्त लक्षण वाले रोगियों की कोविड जांच कराने के संदर्भ में पूछे जाने पर डॉ यादव ने बताया कि कोविड की जांच जरूर करवा लेनी चाहिए।

डा.बी.के.यादव
(जनरल फिजिशियन) जखनियां गाजीपुर