#बंदर ने किया हमला… बचाव करने में दो मंजिला छत से नीचे गिरी महिला, टूट गईं सांसें; चीख पड़े घरवाले#

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उत्तर प्रदेश के आगरा में बंदर ने बेटियों के सिर से मां की छांव छीन ली। सोमवार की दोपहर एक महिला घर की छत पर कपड़े सुखाने पहुंचीं तो बंदर ने उन पर हमला कर दिया। बचने की कोशिश में वह दो मंजिला छत से नीचे गिर पड़ीं। सिर में चोट लगने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। घटना से क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है।

उत्तर क्षेत्र के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल के घर के पास चंदा वाली गली में महेंद्र सिंह का मकान है। उनकी पत्नी चंद्रावती उर्फ चंदा दोपहर में अपने दोमंजिला मकान की छत पर कपड़े सुखाने के लिए पहुंचीं थीं कि अचानक बंदरों की टोली आ गई। इनमें से एक खूंखार बंदर ने चंद्रावती पर हमला कर दिया। बचने के प्रयास में वह छत से नीचे आ गिरीं।
परिजन आनन-फानन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजन ने बताया कि चंद्रावती की चार बेटियां और एक पुत्र है। इनमें से दो बेटियां अविवाहित हैं। बंदरों के हमले से नीचे गिरी चंद्रावती की मौत की खबर के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश छा गया।

भैंरो बाजार में विधायक के घर के पास गली में लोग पहुंच गए। क्षेत्र के पूर्व पार्षद मनोज सोनी ने बताया कि बंदरों को पकड़ने में नगर निगम लापरवाही बरत रहा है। अभियान के रूप में बंदर पकड़े जाएं। पूर्व में भी कई महिलाओं की मौत बंदरों के हमले में हो चुकी है।

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पुराने शहर के घर बन गए पिंजरे
पुराने शहर बेलनगंज, भैंरो बाजार, रावतपाड़ा, दरेसी, छत्ता, मोतीगंज, हॉस्पिटल रोड, मोती कटरा, नूरी गेट, किनारी बाजार, घटिया आजम खां और यमुना किनारा रोड के घर बंदरों के आतंक के कारण पिंजरे में बदल चुके हैं। लोगों ने घर के बरामदे, छतों और बालकनी को लोहे के जाल से बंद करा लिए हैं।

पूर्व में बेलनगंज क्षेत्र में दरवाजा खुला रहने पर एक घर में 200 से ज्यादा बंदर पहुंच गए थे। इस कारण घर के लोग कई घंटों तक एक कमरे में दहशत के कारण बंद हो गए थे। बंदरों के कारण पुराने शहर के साथ अब नए क्षेत्रों में भी लोग घरों को किसी पिंजरे की तरह से लोहे के जाल से बंद करा रहे हैं।

आंकड़े एक नजर में
13181 बंदर पकड़ने का नगर निगम का दावा
6895 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी
100 जगह शहर में लंगूरों के कटआउट लगाए
06 प्रस्ताव निगम सदन में बंदरों के लिए लगाए

निगम बंदरों को पकड़े
बंदरों के कारण पुराने शहर में कई लोगों की मौत हो चुकी है। निगम को पूरे संसाधन बंदर पकड़ने में लगा देने चाहिए। -अनुराग चतुर्वेदी, पार्षद, बेलनगंज

निगम शुरू करे अभियान
नगर निगम सदन में बंदरों के आतंक से मुक्ति के लिए प्रस्ताव रखा था। निगम तत्काल अभियान शुरू करे, ताकि कोई जान न जाए। – सुहेल कुरैशी, पार्षद

केवल कागजों में काम
केवल कागजों में अभियान चल रहा है। निगम के पशु चिकित्साधिकारी को सख्ती से यह अभियान चलाने की जरूरत है। -रवि माथुर, पार्षद