#Varanasi : डोमराजा परिवार रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में बनेगा विशेष यजमान, अयोध्या से आया बुलावा#
मोक्षदायिनी मणिकर्णिका तीर्थ पर सनानत धर्मावलंबियों का अंतिम संस्कार कराने वाला डोमराजा परिवार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में विशेष यजमान बनकर बैठेगा। काशी विश्वनाथ और माता पार्वती के बाद डोमराजा को सपत्नीक अयोध्या से बुलावा आया है। भगवान राम के अयोध्या के नव्य, भव्य और दिव्य धाम में विराजमान होने के दौरान डोमराजा अनिल चौधरी अपनी सहधर्मिणी के साथ विशेष यजमान के रूप में अनुष्ठान का हिस्सा बनेंगे। काशी की गोवर्धन पूजा समिति के कोषाध्यक्ष सीताराम यादव भी पत्नी के साथ विशेष यजमान के रूप में अयोध्या जाएंगे। काशी का डोमराजा परिवार और गोवर्धन समिति से जुड़े सीताराम यादव भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की पूजा विधि में खास मेहमान के तौर पर मौजूद रहेंगे। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती के साथ संघ के प्रतिनिधि मंडल ने डोमराजा अनिल चौधरी को आमंत्रित किया। इस अवसर पर उनकी माता जमुना देवी और पत्नी सपना चौधरी भी उपस्थित रहीं। स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि काशी में परिवार के साथ अयोध्या जाने का यह पहला निमंत्रण है। डोमराज अनिल चौधरी पत्नी सपना चौधरी के जाएंगे। उन्होंने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म और श्रीरामजन्म भूमि ने कभी ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं किया। इस समारोह यदि शंकराचार्य से लेकर राजा तक आमंत्रित हैं, तो काशी के डोमराज परिवार भी आमंत्रित है।पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीराम सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र के वंशज रहे हैं। राजा हरिश्चन्द्र ने डोमराजा के यहां नौकरी की। इस नाते डोमराजा परिवार का संबंध भगवान श्रीराम से बताया जाता है। आमंत्रण पाकर बहुत ही प्रसन्न डोमराजा अनिल चौधरी ने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का दर्शन करने का अवसर मिलेगा। लेकिन, आज उनके मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने का अवसर मेरे परिवार को प्राप्त हुआ, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है।काशी के डोमराजा अनिल चौधरी और गोवर्धन समिति के सीताराम यादव को सपरिवार अयोध्या आमंत्रित किया गया है। दोनों परिवार प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विशेष यजमान के रूप में शामिल होंगे। आरएसएस ने काशी के डोमराजा और गोवर्धन समिति के सीताराम यादव को विशेष यजमान के रूप में आमंत्रित कर दलित, वंचित और शोषित समाज के साथ ही यादव समाज को भी बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। संदेश दिया है कि प्रभु श्रीराम सबके हैं। किसी से कोई भेदभाव नहीं है। समाज का हर तबका सामान्य रूप से दर्शन-पूजन कर सकेगा। आरएसए ने सभी धर्म-संप्रदाय के लोगों को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का आमंत्रण पत्र दिया है।