#कैसी है मोहन यादव की कैबिनेट?: 31 में से 30 मंत्री करोड़पति, 24 ने खुद को बताया किसान, 35 की प्रतिमा सबसे युवा#

मध्य प्रदेश में नई सरकार के गठन के 12 दिन मोहन यादव मंत्रिमंडल ने आखिरकार शपथ ले ली। कुल 18 नेताओं ने कैबिनेट, छह ने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और चार ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है। नई कैबिनेट की औसत उम्र करीब 57 साल नौ महीने है। 30 मंत्री करोड़पति हैं। राज्य के सबसे अमीर विधायक चैतन्य कश्यप को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। मोहन यादव कैबिनेट के बारे में जानते हैं…

कितनी उम्रदराज है नई कैबिनेट?
मुख्यमंत्री मोहन यादव की नई कैबिनेट की औसत उम्र 57 साल नौ महीने से ज्यादा है। राज्य मंत्री बनाई गईं 35 साल की प्रतिमा बागरी कैबिनेट की सबसे युवा मंत्री हैं। 68 साल के करण सिंह वर्मा कैबिनेट के सबसे उम्रदराज मंत्री हैं।
पांच मंत्रियों की उम्र 50 साल या उससे कम है। 14 मंत्रियों की उम्र 51 से 60 साल के बीच है। वहीं, 13 मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र 61 साल या उससे अधिक है।
सबसे युवा मंत्री प्रतिमा बागरी समेत पांच मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 साल से कम है। इनमें 45-45 साल के नागर सिंह चौहान और धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी, 46 साल के दिलीप अहिरवार और 48 साल की राधा सिंह शामिल हैं।
मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्रियों की उम्र 51 से 60 साल के बीच है। इनमें कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रद्युम्न सिंह तोमर, संपतिया उइके, निर्मला भूरिया, कृष्णा गौर, राकेश शुक्ला, डॉ. मोहन यादव, राजेंद्र शुक्ला, कुंवर विजय शाह, उदय प्रताप सिंह, इंदर सिंह परमार और गौतम टेटवाल शामिल हैं।
68 साल के करण सिंह वर्मा नई कैबिनेट के सबसे उम्रदराज मंत्री हैं। कैलाश विजयवर्गीय समेत चार मंत्रियों की उम्र 67 साल है। इनमें तुलसीराम सिलावट, नारायण सिंह कुशवाह और लखन पटेल भी शामिल हैं।
कुल 13 मंत्रियों की उम्र 61 साल या उससे ज्यादा है। इनमें 66 साल के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नारायण सिंह पंवार, 64 साल के चैतन्य कश्यप, 63 साल के प्रहलाद सिंह पटेल और एदल सिंह कंसाना, 62 साल के गोविंद सिंह राजपूत और दिलीप जायसवाल और 61 साल के राकेश सिंह शामिल हैं।

कैबिनेट के मंत्रियों के पास कितनी संपत्ति?
मोहन यादव की नई कैबिनेट में केवल एक मंत्री ऐसे हैं, जो करोड़पति नहीं हैं। सारंगपुर सुरक्षित सीट से जीते गौतम टेटवाल ने अपने चुनावी हलफनामे में कुल संपत्ति 89.64 लाख रुपये बताई है। टेटवाल कैबिनेट में सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री हैं। उन्हें छोड़कर सभी मंत्री करोड़पति हैं।
रतलाम शहर से जीते चैतन्य कश्यप कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री हैं। कश्यप के पास 296.08 करोड़ रुपये की संपत्ति है। कश्यप मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायक भी हैं।
कैबिनेट की औसत संपत्ति की बात करें तो हर मंत्री के पास औसतन 18.54 करोड़ रुपये की संपत्ति है। 13 मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास एक से पांच करोड़ रुपये की संपत्ति है। इनमें धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी, नारायण सिंह कुशवाह, राकेश शुक्ला, एदल सिंह कंसाना, निर्मला भूरिया, दिलीप अहिरवार, करण सिंह वर्मा, नारायण सिंह पंवार, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राकेश सिंह, लखन पटेल, नागर सिंह चौहान और उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा शामिल हैं।
सात मंत्री ऐसे हैं जिनके पास पांच करोड़ से ज्यादा और दस करोड़ से कम की संपत्ति है। इनमें प्रतिमा बागरी, नरेंद्र शिवाजी पटेल, राधा सिंह, इंदर सिंह परमार, दिलीप जायसवाल, प्रहलाद सिंह पटेल और संपतिया उइके शामिल हैं।
10 मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। इनमें कृष्णा गौर, तुलसीराम सिलावट, कैलाश विजयवर्गीय, गोविंद सिंह राजपूत, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, उदय प्रताप सिंह, राजेंद्र शुक्ला, डॉ. मोहन यादव और चैतन्य कश्यप शामिल हैं।
सबसे अमीर तीन मंत्रियों में चैतन्य कश्यप, मुख्यमंत्री मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला शामिल हैं। कश्यप के पास कुल 296.08 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास 42.04 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के पास 30.88 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है।

कितनी पढ़ी लिखी है मध्य प्रदेश की नई कैबिनेट?
मुख्यमंत्री मोहन यादव कैबिनेट के सबसे पढ़े लिखे मंत्री हैं। यादव ने पीएचडी की हुई है।
सबसे कम शिक्षा प्राप्त मंत्री एदल सिंह कंसाना हैं। कंसाना आठवीं पास हैं। वहीं, एक अन्य मंत्री दिलीप अहिरवार 10वीं पास हैं।
छह मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है। इनमें सबसे अमीर मंत्री चैतन्य कश्यप, नारायण सिंह कुशवाह, करण सिंह वर्मा, नारायण सिंह पंवार, प्रद्युम्न सिंह तोमर और दिलीप जायसवाल शामिल हैं।
10 मंत्रियों के पास स्नाकोत्तर की डिग्री है। इनमें धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी, लखन पटेल, जगदीश देवड़ा, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह, संपतिया उइके, कृष्णा गौर, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और कुंवर विजय शाह शामिल हैं।
छह मंत्रियों के पास स्नातक की डिग्री है। इनमें गौतम टेटवाल, राकेश शुक्ला, निर्मला भूरिया, राकेश सिंह, नागर सिंह चौहान और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं।
छह मंत्रियों के पास पेशेवर स्नातक की डिग्री है। इनमें नरेंद्र शिवाजी पटेल, इंदर सिंह परमार, प्रहलाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग और राजेंद्र शुक्ला शामिल हैं।

क्या करते हैं मोहन यादव के मंत्री?
कुल 31 मंत्रियों में से 24 ने खुद को किसान बताया है। इनमें से 12 मंत्रियों ने किसानी के साथ व्यापार, पेंशन या राजनीति को भी अपनी आय का जरिया बताया है। जिन सात मंत्रियों ने खुद को किसान नहीं बताया है, उनमें गौतम टेटवाल, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राकेश सिंह, जगदीश देवड़ा, कृष्णा गौर, कैलाश विजयवर्गीय और चैतन्य कश्यप शामिल हैं। गौतम टेटवाल ने पेंशन को आय का स्त्रोत बताया है। वहीं, चैतन्य कश्यप ने व्यापार को कमाई का जरिया बताया है। कैलाश विजयवर्गीय, कृष्णा गौर, जगदीश देवड़ा और राकेश सिंह ने राजनीति को अपना पेशा बताया है।

किन मंत्रियों पर चल रहे आपराधिक मामले?
12 मंत्रियों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें गौतम टेटवाल, दिलीप अहिरवार, नारायण सिंह पंवार, प्रद्युम्न सिंह तोमर, लखन पटेल, नागर सिंह चौहान, इंदर सिंह परमार, दिलीप जायसवाल, तुलसीराम सिलावट, कैलाश विजयवर्गीय, गोविंद सिंह राजपूत और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। नई कैबिनेट में सबसे ज्यादा पांच मामले कैलाश विजयवर्गीय पर चल रहे हैं। वहीं, दिलीप अहिरवार पर तीन मामले चल रहे हैं। तीन मंत्रियों प्रद्युम्न सिंह तोमर, इंदर सिंह परमार और गोविंद सिंह राजपूत पर दो-दो मामले दर्ज हैं। अन्य सात पर एक मामला चल रहा है, जबकि 19 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर कोई मामला दर्ज नहीं है।