विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से निगरानी मजबूत करने का आग्रह किया है। इसके अलावा, इन्फ्लूएंजा और कोविड वैरिएंट JN.1 सहित सांस संबधित रोगों के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों से सुरक्षात्मक उपाय करने को कहा है। WHO दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ.पूनम खेत्रपाल सिंह ने एक बयान में कहा, ‘कोविड-19 वायरस वैश्विक स्तर पर सभी देशों में विकसित, बदल और प्रसारित हो रहा है। जबकि वर्तमान सबतों से पता चलता है कि JN.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम कम है, हमें अपनी प्रतिक्रिया को अनुकूलित करने के लिए इन वायरस के विकास को ट्रैक करना जारी रखना चाहिए। इसके लिए देशों को निगरानी और अनुक्रमण को मजबूत करना होगा और डेटा साझा करना सुनिश्चित करना होगा।’
विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ रहा JN.1 संक्रमण
WHO ने JN.1 को इसके तेजी से वैश्विक प्रसार के बाद एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है। हाल के सप्ताहों में, JN.1 कई देशों में रिपोर्ट किया गया है और इसका प्रसार विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ रहा है। JN.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कम आंका गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अनुमान है कि यह वैरिएंट अन्य वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के बढ़ने के बीच, सर्दी वाले देशों में कोविड -19 मामलों में वृद्धि का कारण बन सकता है।
इस कारण से बढ़ रहे मामले
डॉ. खेत्रपाल सिंह ने कहा, ‘लोग छुट्टियों के मौसम में ट्रेवल करते हैं और एक साथ एकट्ठा होते हैं। घर के अंदर बहुत सारा समय एक साथ बिताते हैं, जहां खराब वेंटिलेशन श्वसन रोगों का कारण बनता है। इसको देखते हुए अस्वस्थ होने पर समय पर अपनी देखभाल करना बेहद जरूरी है।’
इससे पहले मई में, COVID-19 मामलों, अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की गति में निरंतर गिरावट के बाद, WHO ने घोषणा की कि COVID-19 अब अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है। क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि वैश्विक स्तर पर उच्च स्तर पर कोविड -19 का प्रसार जारी है। देशों को श्वसन रोगों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए निगरानी, अनुक्रमण और रिपोर्टिंग को मजबूत करना चाहिए।