Bajrang Punia Padma Shri : भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव के महज एक दिन बाद देश के स्टार रेसलर बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया. उन्होंने एक लंबा-चौड़ा खत शेयर करते हुए कहा कि वह अपना पद्मश्री अवॉर्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को लौटा रहे हैं.
सम्मान के बोझ तले घुटता रहूं? रेसलर बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को लिखे खत में कहा, ‘मुझे 2019 में पद्मश्री से नवाजा गया. खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. जब ये सम्मान मिले तो लगा कि जीवन सफल हो गया लेकिन आज उससे ज्यादा दुखी हूं. ये सम्मान मुझे कचोट रहे हैं. 21 दिसंबर की रात रोते हुए निकली, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें, कहां जाएं और कैसे जिएं. इतना मान-सम्मान दिया सरकार ने, लोगों ने. क्या इसी सम्मान के बोझ तले दबकर घुटता रहूं.’
‘सम्मानित बनकर नहीं जी सकूंगा’
उन्होंने आगे कहा, ‘जिनका दबदबा कायम हुआ है या रहेगा, उनकी परछाई तक महिला खिलाड़ियों को डराती है और अब तो वे पूरी तरह दोबारा काबिज हो गए हैं. उनके गले में फूल-माला वाली फोटो आप तक पहुंची होगी. जिन बेटियों को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की ब्रांड अंबेसडर बनना था, उनको इस हाल में पहुंचा दिया गया कि उनको अपने खेल से ही पीछे हटना पड़ा. हम ‘सम्मानित’ पहलवान कुछ नहीं कर सके. महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं ‘सम्मानित’ बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाउंगा. ऐसी जिंदगी ताउम्र कचोटेगी. इसलिए ये ‘सम्मान’ मैं आपको लौटा रहा हूं.’
‘3 महीने बीतने पर भी बृजभूषण पर FIR तक नहीं हुई’
बजरंग पूनिया ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के नाम अपना खत शेयर किया. उन्होंने लिखा, ‘मैं आपका ध्यान कुश्ती पर दिलाना चाहता हूं. इसी साल जनवरी में बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप महिला पहलवानों ने लगाए थे. जब महिला पहलवानों ने आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हुआ. जब सरकार ने WFI चीफ पर ठोस कार्रवाई की बात कही तो पहलवान घर लौटे लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी उन पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई. बाद में पहलवान फिर सड़क पर उतर तो भी दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. तब जाकर हमें कोर्ट जाकर एफआईआर दर्ज करानी पड़ी.’
गृह मंत्री ने दिया था आश्वासन
बजरंग ने आगे लिखा, ‘इसी बीच गृह मंत्री ने हमें आश्वासन दिया कि वे हमें महिला रेसलर्स के लिए न्याय में हमारा साथ देंगे और कुश्ती संघ से बृजभूषण, उसके परिवार और गुर्गों को बाहर करेंगे. हमने उनकी बात मानी और सड़कों से अपना आंदोलन खत्म कर दिया लेकिन बीती 21 दिसंबर को कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण फिर से काबिज हो गया. उसने बयान दिया कि दबदबा है और रहेगा. महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती का प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर रहा था. इसी के चलते साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया.’