आजमगढ़ : जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी (बारावफात) का त्योहार शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह के साथ मनाया गया। नगर के गुरुटोला अंजुमन के सेक्रेटरी मुहम्मद अफजल इद्रीसी ने बताया कि शहर की 32 अंजुमनों ने जुलूस निकाला और इस दौरान नातिया कलाम पेश करने के साथ अमन-चैन की दुआ की। पर्व को देखते हुए मस्जिदों से लेकर जुलूस के रास्तों में सजावट से लेकर आसपास झंडे लगाए गए थे। कमेटियों की ओर से भी जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे और आकर्षक सजावट की गई थी।
इससे पहले सभी अंजुमनें निस्वां कालेज के पास एकत्र हुईं और नात पढ़ते हुए पहाड़पुर, शिब्ली चौराहा, तकिया, कोट, टेढि़या मस्जिद, बाजबहादुर, किला कोट, दलालघाट, पुरानी कोतवाली होते हुए मुख्य चौक पहुंचीं। वहां अमन चैन की दुआ के बाद पुरानी सब्जीमंडी, कटरा, बदरका, पांडेय बाजार होते हुए जामा मस्जिद पहुंचीं जहां मौलाना ने तकरीर पेश की।
आयोजक कमेटी के सदस्य मुन्ना ईदरिशी ने बताया की जुलूस में शामिल अंजुमनों के जलपान के लिए जगह-जगह स्टाल लगाए गए थे, जहां पर चाय-काफी, बिस्किट आदि की व्यवस्था की गई थी। कई स्थानों पर स्थानीय अंजुमन की ओर से सभी अंजुमनों को उपहार भी प्रदान किया जा रहा था। अंजुमन गुरुटोला की ओर से आर्टिफिशियल खुशबूदार फूलों का गमला, कुरान की आयतें लिखी शीशे में मढ़ी तस्वीरें, मिष्ठान का पैकेट व व इत्र आदि प्रदान किया गया।
उधर बारावफात के जुलूस में भीड़ को देखते हुए अंजुमनों के एकत्र होने वाले स्थान से लेकर जुलूस के आखिरी पड़ाव स्थल तक सुरक्षा के लिहाज से हर प्वाइंट पर पुलिस चौकन्नी नजर आई।
इस मौक़े पर शादाब अहमद, मेराज अहमद, इरफान अहमद, ख़ुर्शीद अहमद, सद्दाम अहमद, इशरार अहमद, डब्बू, पप्पू, सलीम अहमद, रियाज, आजाद, सरताज, शब्बीर, खालिद, अबरार, राजू, मोनू, रेहान, साकिब आदि लोग उपस्थित रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट अमित खरवार