#दोगुनी रफ्तार से बढ़ने लगा गंगा का पानी, सीढि़यों पर शुरू हुआ शवदाह, बदल सकता है गंगा आरती का स्थल#

गंगा का जलस्तर मंगलवार से दोगुनी रफ्तार से बढ़ने लगा। इससे बाढ़ का खतरा गहरा गया है। जलस्तर अब एक की जगह दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ने लगा है। इससे तुलसी, भदैनी और निरंजनी घाट का आपसी संपर्क टूट गया। इससे पहले चार घाटों का संपर्क टूटा था। दूसरी तरफ, हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट लबालब हो गए हैं। इस कारण शवदाह सीढि़यों पर करने पड़ रहे हैं। वहीं, गंगा बैराज कानपुर से 2.68 लाख 840 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। यह पानी दो से तीन दिन में वाराणसी पहुंचेगा। इससे जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है। जलस्तर बढ़ने का सबसे ज्यादा असर काशी के घाटों पर देखने को मिल रहा है। अब संख्या सात घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है। निरंजनी घाट पूरी तरह डूब गया है। इस कारण रोजाना श्री काशी विश्वनाथ धाम जाकर दर्शन-पूजन करने वाले श्रद्धालुओं को प्लेटफार्म पर ही गंगा स्नान करना पड़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, मंगलवार की दोपहर बाद जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ने लगा। जलस्तर 62.68 मीटर दर्ज किया गया है। गंगा का चेतावनी बिंदू 70.262 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 71.262 मीटर है।