मैनपुरी के किशनी के गोकुलपुर गांव में हत्या करने वाला शिववीर लगातार मिल रही असफलताओं से परेशान था। वहीं रुपये की जरूरत के बीच भाइयों ने जमीन खरीदी तो वह विरोध पर उतर आया। पिता से जमीन खरीदने के बजाए रुपये देने की मांग करता था। नौकरी भी उसे रास नहीं आ रही थी। सामूहिक हत्याकांड को लेकर इस वजह पर भी परिवार व अन्य लोग चर्चा कर रहे हैं। परिवार के लोगों की मानें तो गांव गोकुलपुर अरसारा निवासी शिववीर हमेशा से ही जिद्दी था। बड़ा बेटा होने के चलते पिता सुभाष ने उसे फ्लेक्स की दुकान खुलवाई। शुरू में काम अच्छा चला, इस बीच गांव के बाहर रोड पर एक मकान भी बनवाया। मकान के निर्माण में भी पिता ने रुपये दिए थे। इस बीच उसकी शादी डॉली से हुई। मकान व शादी में अधिक खर्च और धंधा भी सुस्त हो गया। कुछ समय बाद शिववीर पत्नी डॉली को साथ लेकर बाहर चला गया और नौकरी करने लगा। इस बीच उसने काफी कर्ज भी ले लिया था। इससे उसका स्वभाव बदलने लगा और पत्नी पर हाथ भी उठाने लगा थी। परेशान डॉली अपने मायके चली गई थी। शिववीर के कई बार बुलाने के बाद भी वह साथ नहीं गई। उधर सुभाष अपनी बहू को मायके से घर ले आए। यहां भी साथ ले जाने के लिए शिववीर ने दबाव बनाया, लेकिन मां ने यह कह कर मना कर दिया कि घर में खाना बनाने वाला कोई नहीं है। वह जब भी छुट्टी पर घर आता तो बाहरी लोगों से बातचीत भी कम कर दी थी। रुपयों की तंगी, कर्ज और दो भाई अच्छा खासा कमा रहे थे। पिता के साथ मिल कर भाई सोनू और भुल्लन ने करीब पांच बीघा जमीन खरीद ली थी। यह बात शिववीर को नागवार गुजरी। उसने पिता से कहा कि उसे रुपये की जरूरत है। जमीन खरीदने की क्या जरूरत थी। पिता से रुपये भी मांगे लेकिन नहीं मिले। अब वह घर आता तो मां बाप से भी झगड़ा करने लगा था। इस बीच सोनू की शादी तय हो गई। भाई की शादी को लेकर भी वह खुश नहीं था। शादी में होने वाले खर्च के लिए रुपये मांग रहा था। पिता सुभाष ने बताया कि उसे तो शादी में बुलाया भी नहीं था। फिर भी वह आया और बरात में शामिल हुआ। लेकिन उसका स्वभाग बदला हुआ था। शायद उसके मन में सब कुछ तबाह करने का मंसूबा पल रहा था। किसी को कुछ एहसास तक नहीं होने दिया। परिवार के लोग लगातार मिली असफलता और अपनों की बेरुखी भी सामूहिक हत्याकांड की एक वजह मान रहे हैं। गोकुलपुर में हुआ नरसंहार कोई अचानक लिए गए निर्णय का परिणाम नहीं है। एक सोची समझी योजना के तहत अंजाम दी गई वारदात है। एक महीने पहले धारदार हथियार तैयार करवाना। कहीं असफलता न मिले, इसको लेकर भी आरोपी ने तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाकर लोगों को बेहोश कर दिया। इसके बाद भी वह स्प्रे को अपने साथ रखे हुए थे। अगर कोई विरोध करता तो वह स्प्रे का प्रयोग करता। उस से भी काम नहीं चलता तो वह साथ लाए तमंचे का इस्तेमाल करता। कुल्हाड़ी भी बाहर वाले कमरे में तैयार थी। चौतरफा तैयारियों के बीच शिववीर ने सामूहिक हत्याकांड में किसी के बचने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी थी। लेकिन इसे किस्मत ही कह सकते हैं जो मां, पिता, बहन, पत्नी और मामी की जान बच गई। बता दें कि मैनपुरी के किशनी के गोकुलपुर अरसारा में शनिवार की सुबह बड़े भाई ने दो छोटे भाइयों, नवविवाहित बहू, भाई के दोस्त सहित पांच लोगों की फरसा से काट कर हत्या कर दी। इसके बाद पत्नी और मामी पर भी हमला किया। लेकिन दोनों किसी तरह बच गईं। पिता ने रोका तो उनके हाथ में भी फरसा मार दिया। वह भी घायल हुए हैं। हत्याओं को अंजाम देने के बाद खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। पिता ने कहा कि कर्ज न चुका पाने पर मानसिक रूप से परेशान था, इसीलिए हत्याकांड को अंजाम दिया है। हत्याकांड से गोकुलपुर गांव दहल गया। एडीजी और आईजी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर स्थिति की जानकारी ली। एडीजी राजीव कृष्ण का कहना है कि जब तक घायलों को होश नहीं आ जाता तब तक हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सकता। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।