गोरखपुर। थोक मंडी में जहां प्याज सड़ रही है, वहीं फुटकर दुकानदार प्याज पर जमकर मुनाफा कमा रहे हैं। शनिवार को थोक मंडी में जहां प्याज 11 से 15 रुपये किलो के बीच बिकी। वहीं फुटकर में प्याज के दाम 24 रुपये किलो तक पहुंच गए।
नासिक में हुई असमय बारिश ने यहां के प्याज व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नासिक के प्याज व्यापारी जल्द से जल्द बाजार में अपनी प्याज खपाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका हर्जाना स्थानीय प्याज के व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। नासिक से आने वाली प्याज बारिश के पानी में भीगे हुए हैं। महेवा के थोक व्यापारियों को हर बाेरे खोल कर प्याज की छंटाई करानी पड़ रही है। हर बोरे से दो से तीन किलो प्याज खराब निकल रही है। इससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंडी में प्याज के हालात ये हैं कि हर दिन यहां सड़ी प्याज का ढेर लग जा रहा है। लावारिस पशु प्याज को खा रहे हैं।
वहीं बात करें फुटकर बाजार की, तो यहां दुकानदारों को फ्रेश माल मिल रहा है। इसके बावजूद वह प्याज पर जमकर मुनाफ वसूल रहे हैं। शनिवार को थोक मंडी में प्याज के भाव स्थिर रहे, लेकिन फुटकर बाजार में प्याज के भाव दो से चार रुपये प्रतिकिलो तक बढ़ गए थे।
चार वर्षों में कब-कब बढ़े प्याज के दाम साल थोक फुटकर
दिसंबर 2019 80-100 100-120
अक्तूबर 2020 50-70 60-80
अक्तूबर 2021 35-38 45-50
नवंबर 2022 22-24 30-35
इस साल प्याज के भाव नहीं बढ़े हैं। काफी दिनों से प्याज के भाव स्थिर हैं। प्याज के सड़ने से इन दिनों व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नासिक में हुई बारिश के कारण काफी नुकसान हो रहा है, प्याज बहुत तेजी से सड़ रही है। हर बोरे में प्याज खराब निकल रही है। मुनाफ निकलना मुश्किल हो गया है।
आलू के दाम में आई तेजी
गोरखपुर। प्याज के दाम भले ही स्थिर हैं, लेकिन आलू के भाव में तेजी आ गई है। आलू व्यापारी शम्स अहमद राइन ने बताया कि नवंबर से अप्रैल के बीच खेत से सीधे मंडी में आलू पहुंचते हैं। मई से स्टोर के आलू मंडी में आने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में आलू की आवक कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि सीजन के समय मंडी में प्रतिदिन 300 से 350 टन आलू की आवक होती है, वहीं इन दिनों 150 से 200 टन ही आलू मंडी में आ रही है। ऐसे इन दिनों आलू के दाम में तेजी आई है। शनिवार को मंडी में आलू 11 से 15 रुपये किलो के बीच बिका। वहीं फुटकर बाजार में आलू के दाम 18 से 24 रुपये किलो के बीच रहे