ओडिशा के संबलपुर में तीन लाख रुपये देने पर दस लाख मिलने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने व जाली नोट के कारोबार करने वाले एक गिरोह का भंडफोड़ हुआ है। गिरोह की महिला सरगना समेत चार लोगों को मयूरभंज जिला की बारीपदा सदर पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
आरोपियों के पास से तीन बंडल जाली नोट, एक बोलेरो, एक स्कॉर्पियो और तीन मोबाइल फोन जब्त किया गया है। चारों से पूछताछ करने के बाद उन्हें शनिवार की शाम न्यायिक हिरासत में बारीपदा जेल भेज दिया गया। गिरोह की महिला सरगना रंजीता नायक से पूछताछ के बाद उसके पति संजय नायक की तलाश की जा रही है, जो अपनी पत्नी और गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी की खबर लगने के बाद से फरार है।
बारीपदा में आयोजित प्रेसवार्ता में अतिरिक्त एसपी उमाशंकर महारणा ने बताया कि पुलिस 7 अप्रैल के दिन घटित एक अपहरण मामले की जांच कर रही थी, तभी इस मामले में नया मोड़ आ गया और जाली नोटों के कारोबार का भी पर्दाफाश हो गया।
अपहरण के मामले में पुलिस ने मयूरभंज जिला बारीपदा सदर थाना इलाके के महावीर सिंह, ठाकुरदास सिंह और श्याम बिंधानी को गिरफ्तार किया, जबकि जाली नोट के कारोबार में इसी जिला के कुलियाना थाना इलाके की रंजिता नायक समेत गजेंद्र बेहेरा, लुटा बेहेरा और सुकुराम सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
अपहरण के केस से जाली नोटों के कारोबार का खुलासा
पुलिस के अनुसार, बारीपदा थाना अंतर्गत रंगमाटिया गांव का गजेंद्र बेहेरा रंगमाटिया इलाके के एक व्यक्ति से तीन लाख रुपये की ठगी कर गायब हो गया था। इस ठगी का पता चलने के बाद उस व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर सात अप्रैल के दिन गजेंद्र का अपहरण कर लिया था। इसकी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस अपहृत गजेंद्र और अपहरणकर्ताओं की तलाश कर रही थी।
गजेंद्र को पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराने के बाद जब पूछताछ की, तब जाली नोटों के कारोबार का पता चला। गजेंद्र ने पुलिस को बताया कि संजय नायक और उसकी पत्नी रंजीता नायक मिलकर जाली नोटों का कारोबार करते है। एजेंट भी बना रखे हैं, जो लोगों को तीन लाख रुपये देने पर दस लाख रुपये वापस देने के नाम पर ठगी और जालसाजी करते हैं।
जाली नोटों के कारोबार का खुलासा होते ही जिला पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश के निर्देश पर पुलिस ने छापेमारी कर गिरोह की सरगना रंजीता समेत गजेंद्र बेहेरा, लुटा और सुकुराम सिंह को गिरफ्तार किया।