पलवल में साइबर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। साइबर ठग नए-नए तरीके निकालकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे है और आए दिन लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। लोग कभी बैंक या पेटीएम के नाम पर मैसेज आने से ठगे जा रहे हैं, तो कभी आकर्षक ऑफर के लालच में ठगे जा रहे हैं। वहीं ठगों द्वारा परिचित बनकर भी ठगी की जा रही है। लोग भी संवेदनशील जानकारी देने से बचने लगे हैं, मगर साइबर ठगों ने भी अपराध को अंजाम देने के लिए नए तरीके निकाल लिए हैं। साइबर थाना पुलिस ने ठगी से जुड़े तीन नए मामले दर्ज किए हैं।
पिता का दोस्त बनकर की ठगी
साइबर थाना प्रभारी सत्यनारायण के अनुसार मामले में गांव मांदकोल के रहने वाले शिवदत्त ने शिकायत दी है कि बीती एक जनवरी को एक व्यक्ति ने उसके पुत्र सागर के पास फोन किया था। फोन करने वाले ने सागर से कहा कि वह उसके पिता का दोस्त बोल रहा है। उसे कुछ रुपयों की जरूरत है। उनका पुत्र सागर उक्त व्यक्ति के झांसे में आ गया। इसके बाद उनके पुत्र सागर ने उक्त व्यक्ति द्वारा बताए गए खाते में 58 हजार रूपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में उन्हें पता चला कि किसी ठग ने जानकार बनकर यह ठगी की है।
सीएससी सेंटर संचालक बनकर युवती से की ठगी
दूसरे मामले में होडल की रहने वाली कोमल सैनी ने शिकायत दी है कि वह पड़ोस में ही स्थित सीएससी सेंटर पर फॉर्म भरने के लिए कई बार गई थी। बीती दो फरवरी को उसके पास एक फोन आया था। फोन करने वाला ने उसे कहा कि वह उनका परिचित सीएससी सेंटर संचालक बोल रहा है और कुछ रुपये भेज रहा है। यह रुपये उसके (आरोपित) के दूसरे नंबर पर डाल देना। कुछ देर बाद उसके (युवती) के पास रूपये खाते में आने के मैसेज भी आए। मैसेज देखने के बाद युवती ने उक्त व्यक्ति द्वारा बताए नंबर पर कुल 23 हजार रु भेज दिए। बाद में उसे पता चला कि किसी ठग ने सीएससी संचालक बनकर उसके साथ 23 हजार रु की ठगी की है।
मैसेज भेजकर ठगे 64 हजार
तीसरे मामले में गांव बघौला के रहने वाले नंदकिशोर ने शिकायत दी है कि उसके मोबाइल पर केवाईसी के संबंध में एक मैसेज आया था। उसने मैसेज खोलकर देखा तो वह एक बैंक की साइट पर जाकर खुला। इसके बाद उसने उस साइट पर अपनी जानकारी भर दी और ओटीपी भी डाल दिया। इसके बाद उसी रात को 64 हजार 997 रुपये खाते से निकलने का मैसेज आया। इसके बाद उसे अहसास हुआ कि उसके साथ साइबर ठगी को अंजाम दिया गया है।
किसी भी अनजान व्यक्ति को ना दें ओटीपी, ना करें लिंक पर क्लिक
साइबर ठग जिले में लगातार लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। लोग आसानी से इन साइबर ठगों की बातों में आ जाते हैं और मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं। इसलिए इन साइबर ठगों से सावधान रहना बेहद जरूरी है।
ऐसे करें बचाव
कोई व्यक्ति आपका परिचित बनकर फोन पर कोई मदद मांगता है तो सतर्क हो जाएं। पहले यह पूरी तसल्ली कर लें कि उक्त व्यक्ति कोई ठग तो नहीं है।
किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ फोन पर प्राप्त ओटीपी, यूपीआई, पिन कोड और सीवीवी साझा ना करें और किसी प्रकार के मैसेज या किसी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें।
अपने बैंक या डिजिटल खातों के बारे में भी किसी अनजान व्यक्ति को जानकारी ना दें।
कोई भी व्यक्ति आपके फायदे के लिए कॉल करता है तो इस प्रकार के व्यक्ति से सावधान हो जाएं, क्योंकि इस प्रकार के लोग आपको फायदा या किसी प्रकार का लालच देकर आपके साथ ठगी करते हैं।
एटीएम बूथ से रूपये निकालते समय या जमा करते समय किसी अनजान व्यक्ति से सहायता ना लें
और अपने कार्ड के पीछे सफेद पट्टी पर अपना नाम लिखकर रखें, ताकि कार्ड बदले जाने पर तुरंत पहचान कर सके।
बिना गार्ड वाले एटीएम बूथ को इस्तेमाल करने से बचें और एटीएम पिन को हाथ से छुपाकर डालें। एटीएम पिन समय-समय पर बदलते रहें।
सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें।
सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से रुपयों की मांग पर भरोसा ना करें, फोन करके या मिलकर पुष्टि अवश्य करें।
एईपीएस ठगी से बचने के लिए अपने संबंधित बैंक से आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम को डीएक्टिवेट कराएं और आवश्यकता अनुसार ही उसका उपयोग कर दोबारा से डीएक्टिवेट कराएं। अपने मोबाइल नंबर को खाते से लिंक करवाएं।
किसी भी प्रकार की वित्तीय या ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं
इसके अलावा अपनी शिकायत साइबर थाना या आपके संबंधित थाने में स्थापित साईबर हेल्प डेस्क पर शिकायत दें