आंधी-बारिश और ओलों के चलते दलहन व तिलहन को काफी नुकसान पहुंचा है। कई एकड़ तैयार गेहूं की फसल गिर गई है। चना, मटर जैसी दलहन और सरसों जैसी तिलहन की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। किसानों मुआवजे की आस लगाए बैठें हैं जबकि तहसील प्रशासन क्षति का आकलन ही नहीं कर पाया है।
फसली क्षति का आकलन करने की जिम्मेदारी लेखपालों को सौंपी गई है। लेखपालों की हीलाहवाली के चलते नुकसान का आकलन नहीं हो पाया है। सबसे ज्यादा नुकसान सकलडीहा ब्लॉक में हुआ है। धानापुर क्षेत्र में गेहूं के फसल बड़े पैमाने पर बरबाद हुई है। उपजिलाधिकारी सकलडीहा के निर्देश के लेखपाल आ नहीं रहे हैं। किसान उनकी तलाश में घूम रहे हैं। शनिवार को थाना समाधान दिवस पर किसान सर्वे नहीं होने की शिकायत लेकर पहुंचे थे।
नौघरा निवासी कमला यादव, सूबेदार यादव, नरौली निवासी जयप्रकाश यादव, धानापुर निवासी राजिक खान का कहना है कि सर्वे तो किया गया लेकिन नुकसान से संबंधित कागजात अभी तक नहीं लिए गए हैं।
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इनसेट—
16 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद
कृषि विभाग के अनुसार एक सप्ताह में मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते 16 हजार हेक्टेयर की फसल बरबाद हुई है। इसमें गेहूं की 13843 हेक्टेयर, जौ की 18 हेक्टेयर, चना की 732 हेक्टेयर, मटर की 73 हेक्टेयर, मसूर की 108 हेक्टेयर और अलसी की 4.89 हेक्टेयर फसल शामिल है।