आजमगढ़ में पुरानी जेल की भूमि पर फिर कूड़े का पहाड़,बन गया अस्थाई कूड़ा डंपिंग ग्राउंड

आजमगढ़। जिले में पर्यावण प्रदूषण के लिए कूड़े का ढ़ेर काफी हद तक जिम्‍मेदार है। बारिश के कारण सड़क तक कचरा अब जा पहुंचा है। चौक की तरफ जाना मुश्किल है तो दूसरी ओर दुर्गंध से परेशानी आम है।एक बार फिर शहर के मुख्य मार्ग पर नगर पालिका परिषद कार्यालय के बगल में ही पुरानी जेल की भूमि पर अस्थाई डंपिंग ग्राउंड पर कूड़े का ढेर पहाड़ जैसा हो गया है। धूप व बारिश के कारण कचरा सड़क तक आ जा रहा है तो कूड़े से उठ रहीं दुर्गंध से लोगों का उधर से गुजरना मुश्किल हो गया है। जबकि अभी पुरानी जेल के सामने निचले इलाकों के लोगों को जलजमाव से पूरी तरह निजात मिली भी नहीं है कि नगर पालिका प्रशासन की उदासीनता से कई दिन के कूड़े का ढेर लगा दिया गया है।

लोगों की परेशानी, उन्हीं की जुबानी
सिविल लाइन से चौक की तरफ जाते समय पुरानी जेल के सामने पहुंचते ही नाक बंद कर सांस रोक लेनी पड़ती है। कूड़ा निस्तारण की स्थाई व्यवस्था होनी चाहिए।’ -मुन्ना विश्वकर्मा, कलेक्ट्री कचहरी।
‘हमें तो कभी-कभी चौक क्षेत्र में जाना पड़ता है। जैसे ही अग्रसेन चौराहे से आगे जाइए पुरानी जेल की सामने जमा कूड़े-कचरे से उठ रही दुर्गंध से परेशानी बढ़ जाती है। प्रशासन ठोस पहल करे। -विजय प्रजापति, तमौली।
‘अभी हमारा गांव जलजमाव की समस्या से निजात नहीं पा सका है।ऊपर से पुरानी जेल के सामने से उठ रही दुर्गंध से जीना दूभर हाे गया है। -रवि पांडेय, कोलपांडेय।
‘ऐसा लगता है कि शहर के कूड़ा निस्तारण की मुकम्मल व्यवस्था के प्रति प्रशासन पूरी तरह संवेदनहीन हो गया है। क्योंकि यह परेशानी अब काफी दिनों की हो चुकी है। -नंदकिशोर, कोलबाजबहादुर।
‘अभी भी कूड़ा नगर पालिका परिषद मुबारकपुर के डंपिंग ग्राउंड निस्तारण के लिए भेजा जा रहा है।क्योंकि मझगांवा डंपिंग ग्राउंड अभी भी पानी से डूबा है। दिन के बजाय रात में कूड़ा मुबारकपुर भेजा जाता है। -विकास कुमार, ईओ नगर पालिका।