गुजरात हाईकोर्ट ने ओरेवा कंपनी के एमडी जयसुखभाई पटेल को मोरबी पुल हादसे में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने का आदेश दिया है।
वहीं, घायलों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की खंडपीठ ने कंपनी को अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया है।
पिछले साल हुआ था हादसा
पिछले साल 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी के ऊपर बने सस्पेंशन ब्रिज के टूटने के चलते 300 से ज्यादा लोग डूब गए थे और 134 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में कई परिवार तक खत्म हो गए थे। हादसे के बाद तकरीबन 5 दिनों तक खोज एवं बचाव अभियान चलाया गया था। इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोरबी का दौरा कर घायलों से मिले थे और अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने और जांच की हिदायत दी थी।ओरेवा ने परिजनों को मुआवजा देने की जताई थी इच्छा
हाल ही में गुजरात हाई कोर्ट में ओरेवा ग्रुप के मालिक जयसुख ने मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की इच्छा जताई थी। जयसुख ने कोर्ट से बचने के लिए नया दांव चलते हुए कहा था कि वे हादसे से दुखी हैं और घायलों को भी खुद से मुआवजा देना चाहते हैं। इस बात पर कोर्ट ने कहा था वो अपने उपर लगे आरोपों से बच नहीं सकते हैं।
मोरबी पुल हादसे पर 1262 पन्नों की चार्जशीट दायर
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हासदे को लेकर पुलिस ने 1262 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई। इसमें बताया गया है कि इस हादसे में 134 लोगों की जान गई थी। वहीं, चार्जशीट में आरोपी के तौर पर ओरेवा ग्रुप के मालिक जयसुख पटेल का नाम शामिल किया गया है। बता दें कि हादसे के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर ओरेवा के मालिक को बचाने का आरोप लगाया था।