रौनापार थाना क्षेत्र के बेलहिया ढाला के पास पुल के निर्माण के लिए एक दर्जन गांव के लोगों ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना था कि लगभग 20,000 की आबादी के आवागमन का मात्र यही एक रास्ता है।इसके बाद भी प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से पुल नहीं बन रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि इस पुल का निर्माण नहीं कराया गया तो हम लोग आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। गुस्साए लोगों ने पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाया।
सगड़ी विधानसभा क्षेत्र के अजगरा मगरवी, बेलहिया, आराजी अजगरा, देवारा गरीब दुबे, इस्माइलपुर, श्रीनगर, आराजी अजगरा मगरवी, झनझनपुर, माधव का पूरा सहित एक दर्जन गांव के लोगों ने कहा कि बेलहिया ढाले के पास 18 व 19 अगस्त 2019 की रात में पुल बह जाने से हम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। नदी में पानी अधिक होने से आवागमन के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है। ग्रामीणों को बाजार, ब्लॉक, तहसील, थाना या फिर जिला मुख्यालय जाना है तो उसे नाव से ही जाना होता है। सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं, विकलांगों, बीमारों व छोटे बच्चों को हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि सपा, भाजपा और बसपा के तमाम नेता इसी क्षेत्र के हैं। आज तक आवागमन के लिए कोई अस्थाई हल नहीं निकाला जा सका। क्षेत्र के गन्ना किसानों को अपनी फसल मऊ के घोसी चीनी मिल और आजमगढ़ के सठियांव तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग लगभग 10 से 12 किमी दूरी तय कर किसी तरह से महुला गढ़वल बांध पहुंचते हैं। इसके बाद गंतव्य के लिए साधन मिल पाता है।
ग्राम प्रधान राजमन यादव ने बताया कि बीमार व्यक्ति को ले जाना हो या किसी की शव यात्रा में जाना हो तो भी बड़ी समस्या होती है। हम लोगों ने कई बार अस्थाई संपर्क मार्ग के लिए भी नेताओं अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। गांव के ही अंगद यादव ने बताया कि स्कूली बच्चों के लिए सबसे बड़ी समस्या है कि नाव पर अधिक लोग सवार होते हैं। एक बार तो नाव भी पलट गई थी, बच्चे बाल-बाल बचे थे। महेंद्र यादव, दिनेश पटेल, प्रमोद यादव आदि का कहना है कि पुल के टूट जाने से समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। शादी विवाह से लेकर शव यात्रा तक लोगों को समस्या से जूझना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है और नेताओं का भाग दौड़ तेज हो गया वोट के लिए लोग लुभाना शुरू कर दिए हैं पर संपर्क मार्ग पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।