#मलबे में दबी बच्ची बोली- बचा लीजिए..जीवन भर गुलामी करूंगी; भूकंप त्रासदी की भयावह तस्वीरें#

विनाशकारी भूकंप ने तुर्की और सीरिया में अभूतपूर्व तबाही मचाई है. इस त्रासदी की कुछ तस्वीरें इतनी भयावह हैं कि उसे देखकर ही डर लग जाएगा. इसी कड़ी में सात साल की एक बच्ची का वीडियो सामने आया है जो यह कह रही है कि मुझे बचा लो जीवन भर गुलामी करूंगी. इतना ही नहीं मलबे में दबी इस बच्ची ने अपने भाई के सिर को अपने हाथ के नीचे बचाकर रखा है.
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है. इसी बीच मलबे से दबी ऐसी ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जिसे देखकर लोग भावुक हो रहे हैं. सीरिया से मलबे में फंसे अपने छोटे भाई के सिर को ढकती एक सात साल की बच्ची का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह वीडियो बनाने वाले रेस्क्यू टीम के एक मेंबर से कह रही है कि मुझे बचा लो मैं जीवन भर गुलामी करूंगी. रेस्क्यू टीम ने बच्ची और उसके भाई दोनों को बचाया.
दरअसल, सीएनएन के मुताबिक यह तस्वीर सीरिया में हरम शहर के पास के बेसनया-बसईनेह से सामने आई है. वहीं पर यह बच्ची अपने भाई के साथ दबी हुई थी. रेस्क्यू टीम यहां पहुंची तो बच्ची और उसके भाई को मलबे में जिंदा दबा देखकर चौंक गई. इसी तस्वीर को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि मोहम्मद सफा ने भी शेयर की है. इसके अलावा तुर्की सभी कई दर्दनाक तस्वीरें सामने आई हैं.
सीरिया में ही मलबे से एक नवजात बच्चा जिंदा निकाला गया. वह अपनी मां के गर्भनाल से बंधा हुआ था. मां की सोमवार के भूकंप में मृत्यु हो गई थी, मगर फिर भी वह जिंदा था. नवजात के एक रिश्तेदार खलील अल-सुवादी ने एएफपी को बताया कि जब हम खुदाई कर रहे थे तो हमें एक आवाज सुनाई दी. हमने धूल साफ की और बच्चे को गर्भनाल के साथ पाया. हमने गर्भनाल काट दिया और उसे अस्पताल ले जाया गया.
भूकंप के कारण सीरिया में मौजूद एक किला और जानीमानी शरवान मस्जिद भी तबाह हुई है. कहा जाता है कि रोमन दौर में बनाया गया गाजियानटेप किला देश में सबसे बेहतर हालत में था. इसके बाद से भूकंप के केंद्र के दक्षिण और पूर्व में आफ्टरशॉक्स रिकॉर्ड किए जाते रहे हैं.
उधर WHO के अधिकारियों का अनुमान है कि कुल मिलाकर 20000 तक की मृत्यु हो सकती है. बता दें कि तुर्की और सीरिया में सोमवार को सुबह 4 बजे 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इसने तुर्की और सीरिया में भारी तबाही मचाई. भूकंप से करीब 11000 इमारतें तबाह हो गई हैं. तुर्की में हजारों लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है.