12 हजार की आबादी पर नाकाफी साबित हो रही एक नाव

रानी की सराय। तमसा का जलस्तर बढ़ने से रानी की सराय ब्लॉक का मझगावां गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है। वाराणसी-लुंबिनी हाईवे पर भी पानी भर गया है। इससे गांव वालों का आवागमन ठप हो गया है।बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है। लगभग 12 हजार की आबादी वाले गांव में एक निजी नाव चल रही है।
जिला प्रशासन ने बाढ़ सहायता की तैयारियां करने का दावा तो किया था लेकिन किसी को सहायता नहीं मुहैया कराई जा सकी है। मझगांवा गांव पूरी तरह से तमसा के पानी से घिर गया है लेकिन अभी यहां सरकार की ओर से सहायता के बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। भाजयुमो नेता ने एक नाव मुहैया कराई है, जिससे लोग जरूरी सामान ला रहे हैं। मगर यह नाकाफी साबित हो रहा है। बीमारों को उपचार के लिए ले जाना संभव नहीं हो पा रहा है। घर डूबे के कारण बहुत से लोग अपनी पशुओं को लेकर बंधे पर डेरा डाले हुए हैं। फसल जलमग्न हो चुकी है और चारे की समस्या पैदा हो गई है।
सात पुरवों में बसा है गांव
रानी की सराय। मझगांवा में कुल सात पुरवा हैं। गांव में छह हजार से अधिक वोटर हैं। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसकी आबादी 12 हजार करीब है। गांव के लोगों का कहना है कि बस एक ही नाव का इंतजाम किया गया है। जिसे पूरब पूरा में लगाया गया है। बाकी के पुरवा में कोई नाव का इंतजाम नहीं किया गया है। इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।