आजमगढ़ में 220 एमएम बारिश के बाद दोगुने जलजमाव से मुक्ति पर प्रशासन के प्रयास पर बारिश फिर डाल रही है खलल, युद्धस्तर पर कार्य, हजारों हैं पीड़ित
आजमगढ़ शहर में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है स्थिति यह है कि शहर के तीन तरफ से नदी के किनारे के इलाके पानी से भर गए हैं और प्रशासन स्थानीय लोगों के सहयोग से रात दिन पानी निकालने का प्रयास कर रहा है। लेकिन लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश कई बार इस प्रयास पर पानी फेर दे रही है। आजमगढ़ शहर में 2 अक्टूबर को 200 एमएम बारिश के बाद स्थिति डांवाडोल हो चुकी है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि भारी क्षमता के पंपों के सहारे पानी निकालने का प्रयास जारी है। लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए डॉक्टरों की तैनाती की गई है। आपदा मित्र तैनात किए गए हैं। इसके अलावा लेखपालों से भी सर्वे को कहा गया है।
आजमगढ़ की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है कि तमसा नदी शहर को तीन तरफ से घेरकर बहती है। इसके अलावा हजारों की संख्या में लोलैंड क्षेत्रों पर लोगों ने न केवल मकान बना लिए बल्कि पहले से बने नाले व पोखरों को भी पाट दिया गया। जिसमें संबंधित विभागों की भी मिलीभगत कई सालों से होती रही है। लेकिन शहर के पास रहने की लालसा लोगों को खतरो में डालने का काम की है। बहरहाल आजमगढ़ में 16 सितंबर और 2 अक्टूबर की मूसलाधार बारिश से हजारों लोगों को भीषण जलजमाव में रहने को मजबूर कर दिया है। पलायन की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन की तरफ से आजमगढ़ के कई मैरिज हाल को अधिग्रहण कर वहां पर बाढ़ पीड़ितों के रहने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा कई विभागों और स्थानीय लोगों के सहयोग से सैकड़ों की संख्या में पंपों को लगाकर शहर की कालोनियों से पानी निकालने का क्रम जारी है। हालांकि 2 अक्टूबर की भीषण बारिश के बाद 3 अक्टूबर को भी रुक रुक कर बारिश होती रही जिससे जहां लोगों के होश उड़े रहे वहीं प्रशासन के प्रयास पर भी खलल पड़ती रही।