प्रशासनिक कवायद में बारिश बनी बाधा,फिर हुई झमाझम बारिश

आजमगढ़। तमसा नदी से तीन तरफ से घिरे शहर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासनिक अमला बागेश्वर में तमसा के रेगुलेटर से जल निकासी के प्रयास में जुटा रहा। तीन दिनों से जारी बारिश से शहर पहले से ही जलभराव की समस्या से जूझ रहा था।रविवार को भी एक घंटे मूसलाधार बारिश हुई, जिससे प्रशासन की जलनिकासी के प्रयास पर पानी फेर दिया।
दो हफ्ते पहले हुई बारिश से निचले इलाकों का पानी भर गया था। देर से ही सही प्रशासन जलनिकासी में जुटा तो दोबारा हुई बारिश ने उसके प्रयास पर पानी फेरना शुरू कर दिया है। उधर, तमसा की भी त्योरी चढ़ी हुई है। शहर को बाढ़ से बचाने के लिए बांध बनाया गया है। सुरक्षा बांध पर बाढ़ खंड के आठ रेगुलेटर हैं। ज रोडवेज, लालडिग्गी, बवाली मोड़, गौरीशंकर घाट, चांदमारी, सिविल लाइंस के पीछे रेगुलेटर बने हैं, जहां से 35 हार्स पावर के मोटर के जरिए जलनिकासी की जाती थी। आज इन स्थानों पर कोई मोटर नहीं हैं। भारी बारिश के बाद शनिवार की दोपहर में राजघाट के समीप स्थित रेगुलेटर का एक हिस्सा पानी में बह गया। इसके बाद इसकी चिंता प्रशासन को सताने लगी।
पखवाड़े भर से जलभराव वाले इलाके से नगर पालिका और बाढ़ खंड जलनिकासी का प्रयास कर रहा था लेकिन कम क्षमता की मोटर के चलते यह काम प्रभावी तरीके से नहीं हो पा रहा था। बीच-बीच में पंप होने की शिकायतें भी स्थानीय निवासी कर रहे थे लेकिन अधिकारी इसे नजरअंदाज करते रहे। इन वजहों से बागेश्वर नगर, सिधारी पूर्वी, नरौली आंशिक, फराश टोला, प्रह्लाद नगर, डीएवी के सामने रैदोपुर, कोलबाजबहादुर, कोलघाट, परानापुर, मुहम्मदल्ला आदि निचले इलाकों में सीवर का पानी भर गया था। शुक्रवार की सुबह से शनिवार की दोपहर तक भारी बारिश हुई तो हालात बदतर हो गए। लोगों ने गुस्से का इजहार करना शुरू कर दिया। इसके बाद प्रशासन की तंद्रा टूटी। अधिकारियों ने बांधों का निरीक्षण किया। जलनिकासी के लिए अधिक क्षमता के पंप लगवाए। रविवार को नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विकास कुमार, जलकल अवर अभियंता निधि राय सुबह से ही बागेश्वर नगर रेगुलेटर पर मौजूद रहे और जलनिकासी के प्रयास में जुटे रहे। एडीएम वित्त एवं राजस्व आजाद भगत सिंह, एसडीएम सदर बागीश कुमार भी कई बार मौका मुआयना किया।
अधिक क्षमता के पंप लगाए
आजमगढ़। शहर के निचले इलाकों से जलनिकासी के लिए बागेश्वर नगर रेगुलेटर पर काम तेजी से चल रहा है। नगर पालिका ने सात पंपसेट लगवाए थे, जिसमें एक खराब हो गया था। छह पंपों से लगातार जलनिकासी के बावजूद इलाके को जलभराव से मुक्ति नहीं िमल पाई थी। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद रविवार को सठियांव चीनी मिल से 20 हार्स पावर और नलकूल विभाग से 15-15 हार्स पावर के पंप मंगवाकर लगवाए गए। पंप चलने लगे थे कि रविवार की दोपहर बारिश होने लगी। एक घंटे की मूसलाधार बारिश के चलते इलाके में फिर पानी भर गया।