प्रयागराज के गंगापार व यमुनापार का नाम बदल गया है…, पुलिस अधिकारियों के बदलेंगे पदनाम

प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के साथ काफी कुछ बदलाव होंगे।
प्रयागराज में कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर क्षेत्राधिकारी प्रभारी निरीक्षक के पदनाम बदल जाएंगे। कमिश्नरेट के मुखिया पुलिस आयुक्त या कमिश्नर (सीपी) होंगे। जबकि उनके अधीनस्थ ज्वाइंट कमिश्नर (जेसीपी) एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (एडीसीपी) डिप्टी कमिश्नर (डीसीपी) असिस्टेंट कमिश्नर (एसीपी) पुलिस इंस्पेक्टर (पीआइ) और सब इंस्पेक्टर (एसआइ) के पद रहेंगे।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के साथ ही गंगापार और यमुनापार का नाम बदल गया है। अब इसे गंगानगर और यमुनानगर के नाम से पुकारा जाएगा। पुलिस व्यवस्था के अनुसार इनका नाम बदला गया और दोनों को जोन बनाया गया है। इसके साथ ही दो नए सर्किल बनाए गए हैं। अभी तक इनकी संख्या 12 थी, लेकिन अब 14 हो गई है। हालांकि थाने 41 ही रहेंंगे।

पुलिस कमिश्‍नरेट प्रणाली से फरियादियों को मिलेगी राहत : अभी एसपी गंगापार और एसपी यमुनापार का दफ्तर एसएसपी कार्यालय में है। पुलिस कमिश्‍नरेट प्रणाली लागू होने के बाद अधिकारियों के बैठने के लिए फाफामऊ और नैनी में नए कार्यालय बनाए जा सकते हैं। इस बदलाव से ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले फरियादियों को काफी राहत मिल सकेगी। इसके साथ ही कानून-व्यवस्था को मजबूती और अपराध नियंत्रण में भी मदद मिल पाएगी। सनसनीखेज वारदात सोरांव सर्किल में सबसे ज्यादा होती आई है, ऐसे में बाहर से आकर हत्या, लूट जैसी अन्य घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी।

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पीएचक्यू में हो सकता है पुलिस कमिश्नर का कार्यालय : कमिश्नरेट बनने के साथ ही पुलिस अधिकारियों को संसाधन और सुविधा उपलब्ध कराना भी बड़ी चुनौती मानी जा रही है। अधिकारियों में चर्चा है कि कमिश्नर का कार्यालय पुराने पीएचक्यू में हो सकता है। आवास एसएसपी के बगल बने रहे पूर्व एडीजी स्थापना की जगह हो सकता है। पीएचक्यू में अभी कई कार्यालय हैं, जिसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है। एडीजी जोन का दफ्तर और आवास अशोक नगर में था, मगर बाद में कार्यालय का स्थान बदलकर पीएचक्यू हो गया। इसी तरह अन्य अधिकारियों के दफ्तर के लिए उचित स्थान उपलब्ध कराने के लिए किराए पर भी लिया जा सकता है।

कमिश्नर प्रणाली में ये होंगे पुलिस के पद : कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक के पदनाम बदल जाएंगे। कमिश्नरेट के मुखिया पुलिस आयुक्त या कमिश्नर (सीपी) होंगे। जबकि उनके अधीनस्थ ज्वाइंट कमिश्नर (जेसीपी), एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (एडीसीपी), डिप्टी कमिश्नर (डीसीपी), असिस्टेंट कमिश्नर (एसीपी), पुलिस इंस्पेक्टर (पीआइ) और सब इंस्पेक्टर (एसआइ) के पद रहेंगे।

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एडीजी या आइजी बनेंगे कमिश्नर : कमिश्नरी सिस्टम में एडीजी या आइजी रैंक के अधिकारी को कमिश्नर होंगे। अगर एडीजी बनते हैं तो आइजी रैंक के अधिकारी ज्वाइंट कमिश्नर, डीआइजी को एडिशनल कमिश्नर बनाया जाता है। इनकी तैनाती अपराध और कानून-व्यवस्था के लिहाज से अलग-अलग होती है। जोन में एसपी रैंक के अधिकारी को डीसीपी के पद पर नियुक्त किया जाता है। डीसीपी के अधीन एडीसीपी बनाए जाते हैं, जो एएसपी रैंक के होते हैं। सर्किल और थाने की व्यवस्था सामान्य पुलिस प्रणाली की तरह होती है। इसमें क्षेत्राधिकारी के पद का नाम सीओ की जगह असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (एसीपी) होता है। उसके अधीन पुलिस इंस्पेक्टर होते हैं।

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पुलिस के लिए बनेगी कोर्ट : कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 और 107/16 के तहत पाबंद किए जाने के लिए पुलिस की कोर्ट बनेगी। इसमें पुलिस कानून-व्यवस्था संबंधित मिले अधिकारों का अनुपालन कराने के लिए निर्णय होगा। बाकी अन्य अपराधिक मामलों की सुनवाई अदालत में होगी। फिलहाल कमिश्नरेट सिस्टम की आधारभूत जानकारी देकर उन्हें उनकी शक्तियों, अधिकारियों और कर्तव्यों के बारे में अलग से प्रशिक्षित किया जाएगा।