मऊ जिले में बिजली विभाग की मनमानी उपभोक्ताओं की बड़ी परेशानी बन गई है। कहीं एक माह का एडवांस तो कहीं दस गुना अधिक बिल आ रही है। इसको सही कराने के लिए उपभोक्ताओं को जिला मुख्यालय, उपकेंद्र व जेई का चक्कर काटना पड़ रहा है। विभाग की तरफ से इसे साफ्टवेयर की कमी बताकर पल्ला झाड़ लिया जा रहा है। कुछ स्थानों पर इसे सही कराने के लिए उपभोक्ताओं को वसूली भी की जा रही है। इसे लेकर उपभोक्ताओं में आक्रोश है।
केस नं एक- घोसी के पकड़ी गांव निवासी उपभोक्ता सविता बिजली का बिल प्रत्येक माह जमा करती हैं। हर माह ढाई से तीन सौ बिजली का बिल आता था। लेकिन अगस्त में चार हजार बिल आया। तबसे लेकर अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। विभाग के जेई का कहना है पहले बिल जमा कराइये बाद में इसका निस्तारण किया जाएगा।
केस नं दो- पकड़ी के ही ब्रह्मानंद के यहां भी यही हाल है। तीन सौ बिजली का बिल आने के बाद अगस्त में साढ़े चार हजार बिल आया। रसीद देने वाले कर्मचारी ने मीटर का फाल्ट बताकर पल्ला झाड़ लिया।
केस नं तीन- किसान संतोष का कुर्थीजाफरपुर विद्युत उपकेंद्र से कनेक्शन है। खेती के लिए उन्होंने तीन हार्स पावर का कनेक्शन लिया है। अभी सितंबर माह बीता भी नहीं है कि उनका बिल आ गई है। इस बाबत उन्होंने उपकेंद्र के जेई से बताया तो उसे साफ्टवेयर की कमी बताया गया।
केस नं चार- कोपागंज ब्लाक के चौबेपुर निवासी परमहंस चौबे ने अपने घर पर सोलर पैनल लगवाया है। साथ ही बिजली का कनेक्शन भी है। वह पिछले दो माह से मुंबई में हैं। घर पर ताला बंद है, बावजूद इसके वह आनलाइन बिजली का बिल देते हैं। पिछले दिनों चेकिग के नाम पर विभाग के लोग पुलिस के साथ आए और 18 हजार नौ सौ के जुर्माना की रसीद काट दिया।
केस नं पांच – रामविलास चौबे का भी कनेक्शन पुराना है, उनका भी कोई बिल बकाया नहीं है। मगर चेकिग करने आए विभाग के लोगों ने मीटर तो लगाया ही साथ ही ओवरलोडिग बताकर नौ हजार 450 रुपये जुर्माना की रजिस्ट्री भेज दी।
अधिक विद्युत बिल कंप्यूटर की गलती से जा रही है। इसे कार्यालय में आने पर दुरुस्त कर दिया जाएगा। किसी से ज्यादा बिल नहीं लिया जाएगा। अगर कोई ऐसा करता है तो लिखित शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।-दुर्ग विजय सिंह, अधीशासी अभियंता।