अनुसूचित जाति की लड़की को प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म करने व धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाने का युवक पर आरोप

पिता ने पुलिस अधीक्षक गोंडा को प्रार्थना पत्र देकर की कार्यवाही की मांग

कर्नलगंज/परसपुर गोण्डा। थाना परसपुर क्षेत्र के अंतर्गत एक गाँव की निवासिनी अनुसूचित जाति की लड़की के साथ एक समुदाय विशेष के युवक द्वारा अपने प्रेम जाल में फंसाकर दुष्कर्म करने व धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाने का मामला प्रकाश में आया है, मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। वहीं कार्रवाई न होने पर पीड़िता के पिता ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
प्रकरण थाना परसपुर अंतर्गत एक गांव से जुड़ा है। यहां के निवासी एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमे कहा गया है कि उसके गांव का निवासी एक समुदाय विशेष का युवक
मुंबई में नौकरी करता है। युवक उसकी पुत्री से फोन पर बातचीत करता रहा मगर उसे इसकी भनक तक नही लगी। बीते 14 जून को शाम करीब 7:30 बजे उसकी पुत्री शौंच के लिए घर से निकली थी। उसी बीच गांव के ही एक युवक ने उसे कुछ सुंघाकर बेहोश कर दिया और उसे अपने साथ लेकर चला गया। उसकी पुत्री को जब होश आया तो वह मुंबई में थी। आरोप है कि उसकी पुत्री से फोन पर बात करने वाला यवक युवक उससे धर्म परिवर्तन करके निकाह करने का दबाव बनाने लगा। लेकिन उसने दोनों बातें स्वीकार नही किया। जिस पर उसकी पिटाई करते हुये युवक ने अपने दोस्तों के साथ उसकी पुत्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और अपने को फंसता देखकर 21 जून को उसे कर्नलगंज रेलवे स्टेशन पर छोड़ कर चला गया। पीड़ित पिता ने बताया कि उसने बीते 14 जून को ही थाना परसपुर में पुत्री के गायब होने की तहरीर दी थी, मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की। पुत्री के वापस आने पर नगर कर्नलगंज की पुलिस चौकी पर उसने तहरीर दिया। मगर उन्होंने भी कोई कार्रवाई नही किया। उसने घटना में संलिप्त सभी आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किये जाने की मांग की है। उक्त संबंध में थानाध्यक्ष परसपुर से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन कवरेज क्षेत्र से बाहर बता रहा था। वहीं पसका पुलिस चौकी प्रभारी दिनेश राय ने बताया कि बालिका इंटर पास है और बालिग है। वह अपने भाई के साथ शिमला जा रही थी तभी सदभावना एक्सप्रेस से नीचे उतर गई। उसके भाई ने परसपुर थाने में गुमशुदगी लिखवाया था,जिस पर उसकी तलाश करके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। जबकि घटना लखनऊ की थी। उन्होंने बताया कि आरोप निराधार है।