डेंगू से बचाव के लिए किया जा रहा है आईआरएस का छिड़काव
- सभी पीएचसी व सीएचसी पर मलेरिया और डेंगू की जांच नि:शुल्क
- घर के आस-पास रखें साफ-सफाई, करें मच्छरदानी का प्रयोग
आजमगढ़ । बारिश में बढ़ने वाली गंभीर बीमारियों से जिले वासियों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते रफ्तार पकड़ ली है। जनपद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं। साथ ही बचाव के तरीके को बताकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आईएन तिवारी ने बताया की डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों और संचारी रोग से बचने के लिए जन-समुदाय को खास सतर्कता बरतना जरूरी है। इसके लिए जन-जागरूकता और शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा साफ–सफाई एवं आईआरएस का छिड़काव/फागिंग का कार्य किया जा रहा है। सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी एवं उल्टी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच व डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें सभी सुविधाएं पूरी तरह नि:शुल्क उपलब्ध हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि डेंगू बुखार बारिश के मानसून में ज्यादा प्रभावी हो जाता है, और इसी कारण से सबसे ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं। मॉनसून के साथ डेंगू के मच्छर पनपते हैं। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ अन्य पुख्ता इंतजाम भी किए गये हैं। सख्ती के मामले में किसी के कूलर या अन्य उपकरण में ज्यादा दिनों तक पानी रहता है या कबाड़ का सामान इकट्ठा किया हुआ है, लेकिन उस पर सफाई का ध्यान नहीं दिया जा रहा है तो ऐसे लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है।
आशा कार्यकर्ता द्वारा डेंगू लक्षण की जानकारी दी जा रही है
तेज बुखार, सिरदर्द शुरू के 3 से 4 घंटों तक जोड़ों में भी बहुत दर्द होता है। आंखें लाल होना, बुखार 2 से 4 दिन तक रहता है और फिर धीरे-धीरे तापमान सामान्य हो जाता है। बुखार के साथ-साथ शरीर में खून की कमी हो जाती है। शरीर का तापमान बढ़ जाता है और ब्लड-प्रेशर भी सामान्य से बहुत कम हो जाता है। इनमें से अगर किसी भी लक्षण के कारण आपका शरीर प्रभावित होता है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाकर ही उपचार करायें।
बचाव के तरीके –
यह मच्छर ज्यादातर कई दिनों से संग्रह किए गये पानी में पनपते हैं जैसे कि कूलर, घर में रखे पुराने टायरों, कबाड़ सामग्री, पक्षियों के लिए रखे गए पानी के कटोरों व नारियल के खोलों इत्यादि। इस प्रकार की जगहों पर एक बार पानी डालने के बाद उस पर ध्यान नहीं दिया जाता और इस संग्रहित पानी में डेंगू के मच्छर के पनपने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इसके लिए किसी भी जगह पानी इक्ट्ठा ना होने दें। कबाड़ का कोई भी सामान खुले में ना रखकर उसे किसी ढ़के हुए स्थान पर ही रखें। घरों में पानी से भरी हुई टंकियों या अन्य बरतनों को अच्छी तरह से ढ़क कर रखें। कूलर को सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें।
मलेरिया इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह ने बताया कि इस बारे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू को फैलने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं। किसी भी गली और मुहल्ले में पानी इक्ट्ठा ना होने देने के लिए लोगों से इस बीमारी को फैलने से रोकने में अपना सहयोग देने की अपील की जा रही है। साथ ही शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में इंडोर स्प्रे व बाज़ारों, घनी बस्ती में सघन फागिंग एवं एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया जा रहा है। डेंगू से बचाव के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। पेयजल स्रोतों, संसाधनों को शौचालयों के सीवर से दूर रखें, नालियों की नियमित सफाई करें। खुली नालियों को ढक कर रखें, गंदगी को कूड़ेदान में ही डालें। हर शनिवार और रविवार को अपने घर में जल के सभी स्रोतों व घर के आस-पास की सफाई अवश्य करें।