ज्ञानवापी परिसर सर्वे का काम रुका, वादी पक्ष ने लगाया आरोप, हमें बैरिकेडिंग के अंदर नहीं जाने दिया गया, अब कोर्ट में होगी बात

वाराणसी। दिल्ली निवासी पांच महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए 30 अप्रैल को हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और शृंगार गौरी के सर्वे और वीडियोग्राफी के आदेश दिए हैं। इसका सर्वे शुक्रवार से शुरू हुआ पर पहले दिन जहां वादी पक्ष ने आरोप लगाया कि हमें बैरिकेडिंग के अंदर नहीं जाने दिया गया, वहीँ दूसरे दिन भी समय से पहले सर्वे बीच में ही रोकर वादी पक्ष के वकील बाहर निकल आये। वादी पक्ष ने आरोप लगाया कि मस्जिद के अंदर पहले से मौजूद मुस्लिम लोगों ने हमें अंदर नहीं जाने दिया और प्रशासन ने भी हमारा सहयोग नहीं किया और हम अंदर नहीं जा सके।

वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि हम इस सम्बन्ध में अब कोर्ट में एक याचिका दायर करेंगे और उसके अलावा 9 मई की सुनवाई में भी उपस्थित होकर अपना यह पक्ष रखेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि आज दूसरे दिन कोर्ट कमिश्नर की कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान हम लोग जब बैरिकेडिंग के आगे बढ़े तो अंदर बहुत से मुस्लिम बैठे थे, वो बाहर आ गए और प्रशासन ने हमको अंदर नहीं जाने दिया। प्रशासन ने हमारा सहयोग नहीं किया जिसकी वजह से आज की कार्रवाई रुक गयी।

हरिशंकर जैन ने कहा कि हम इस सम्बन्ध में कोर्ट में दरखास्त देंगे और कोर्ट जैसा कहेगा उसके अनुसार ही हम काम करेंगे और कार्रवाई आगे बढ़ेगी। वहीं वादी पक्ष के ही अधिवक्ता विष्णु जैन ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंदर बहुत से मुस्लिम लोग मौजूद थे और हमें अंदर नहीं जाने दिया गया। वो लोग दरवाजे पर आकर खड़े हो गए, इसीलिए कमीशन की कार्रवाई नहीं हो पायी। हम और हमारे वकील 9 तारीख की जो आज डेट मिली है उसपर कोर्ट में पेश होकर अपनी बात रखेंगे।