गेहूं की मड़ाई के समय अस्थमैटिक अटैक की संभावना ज्यादा डॉ- बी.के.यादव

जखनियां: मौजूदा समय में गेहूं की फसल तैयार हैं।किसान फसल की कटाई मड़ाई के कार्य में स्वास्थ्य स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता बरते बगैर अपने कार्य में लगे हैं जिसकी वजह से उनके अंदर श्वास रोग संबंधी ज्यादा समस्या बढ़ रही है।जिससे बचने व सावधानी पूर्वक सतर्कता बरतने को लेकर जखनिया बाजार स्थित जनरल फिजिशियन डॉक्टर बी.के. यादव से इस संदर्भ में विशेष बातचीत हुई जिसके दौरान डा.यादव ने बताया कि फिलहाल इस समय में गेहूं की मड़ाई का कार्य चल रहा है इसमें श्वास रोग से पीड़ित व्यक्तियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि श्वास रोग एक एलर्जीकल संबंधी समस्या में प्रमुख समस्या है। जिसमें धूल,धूआं,गर्दा,कोहरा एलर्जेन की तरह कार्य करते हैं। जिसमें श्वास तेजी से चलने लगता है जिसको अस्थमैटिक अटैक कहा जाता है।गेहूं की मड़ाई के कारण वायुमंडल में ज्यादा धूल के कण हो जाते हैं।जो श्वास रोगियों को ज्यादा प्रभावित करता है।जिसमें श्वास फूलने लगता है। श्वास फूलते समय श्वसन नली का रास्ता सकरा हो जाता है।जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई होने लगती हैं इसके समाधान के लिए डॉक्टर यादव ने बताया कि जिन व्यक्तियों को श्वास की दवा चल रही है वह व्यक्ति नित्य दवा का प्रयोग करें।इस समय किसी प्रकार की दवा लेने में कोई कमी ना करें।और घर से बाहर निकले तो मास्क का प्रयोग जरूर करें। किसी प्रकार के ठंडा भोज्य पदार्थ का प्रयोग ना करें।और गर्म भोजन एवं गुनगुना पानी का प्रयोग करें। इसके अलावा भी अगर श्वास तेजी से चल रही हो तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास जाकर जरूर परामर्श लें।क्योंकि अगर दवा और ऐहतिहात बरतने के बाद भी सांस फूल रही है तो नेबुलाइजेशन और ऑक्सीजन सहित अन्य दवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है। और मरीज को डॉक्टर की देखरेख में कुछ दिन तक रहना पड़ सकता है।इस प्रकार अगर सतर्क रहें तो रोगी को कष्ट से बचाया जा सकता है।