*मां विन्ध्यवासिनी के मण्डल की सेवा कर चुके श्री ए के सिंह उत्तर प्रदेश सिंचाई के HOD हुए*
*धाम क्षेत्र के किसान चहके*
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*किसान-हित के लिए अभिनव कदम उठाने की सलाह*
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मिर्जापुर । विन्ध्याचल मण्डल में उत्तम और उन्नत सेवा के चलते मां विन्ध्यवासिनी की कृपा और आशीर्वाद से अभिसिंचित श्री अशोक कुमार सिंह उत्तर प्रदेश सिंचाई विभागाध्यक्ष पद पर शीतलाष्टमी 25/3 के शुभ मुहूर्त में आसीन हुए हैं। उनके HOD होने पर मण्डल इसलिए चहक उठा है क्योंकि मण्डल में सिंचाई सुविधावृद्धि पर वे विशेष ध्यान अवश्य देंगे। इस तरह की उम्मीदें स्वाभाविक इसलिए भी हैं कि मण्डल मुख्यालय पर सिंचाई कार्य मण्डल एवं सोनभद्र में ओबरा कार्य मण्डल में अधीक्षण अभियंता के रूप में गौरवपूर्ण योगदान के चलते उन्हें सिंचाई की सारी समस्याओं की सम्यक् जानकारियां हैं।
*विंध्यक्षेत्र में योगदान देने वाले तीसरे HOD*
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प्रमुख अभियंता (HOD) के रूप में श्री सिंह तीसरे इंजीनियर हैं जिन्हें ज्ञान, इच्छा और क्रिया की इंजीनियरिंग के त्रिकोणधाम मां विन्ध्यवासिनी के श्रीचरणों में कार्य करने का अवसर मिला है। इनके पहले 2013-14 में बाणसागर संगठन में अधीक्षण अभियंता रहे श्री अजय कुमार सिंह तथा 1980-81 में मेजा बांध प्रखंड के अधिशासी अभियंता रहे श्री सुरेन्द्र नाथ मिश्र उक्त पद को सुशोभित कर चुके हैं। श्री सिंह इंजीनियर होकर विंध्यक्षेत्र की आध्यत्मिक और पौराणिक महत्ता के भी जानकर हैं।
*सिंचाई विभाग का नाम और रोशन होगा, ऐसा आकलन*
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तकनीकी जानकारियों के मामले में श्री सिंह का नाम विभाग में बड़े गौरव के साथ लिया जाता है। उत्तर प्रदेश सिंचाई की तकनीकी दृष्टि से अत्यंत जटिल एवं महत्त्वपूर्ण छिब्रो परियोजना जो अब उत्तराखंड में है, के निर्माण और कार्यप्रणाली की खासियतों के वे पूर्ण जानकर हैं। वर्ष 1975-76 के दौरान निर्मित इस परियोजना में जल-विद्युत उत्पादन के साथ कृषि सिंचाई भी होती है। इस परियोजना को आधुनिक तकनीक से सक्षम बनाने में श्री सिंह का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
*मण्डल की अपेक्षा*
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विन्ध्याचल मण्डल के तीनों जनपदों में सिंचाई सुविधा में वृद्धि की अपेक्षा कृषक कर रहे हैं। सोनभद्र में धनरौल का पानी मड़िहान टेल तक नहीं आ पाता । प्रायः सोनभद्र और मिर्जापुर में पानी को लेकर द्वंद्व होता है। सोन पम्प कैनाल के बेड में पानी की कमी न हो, इसको लेकर श्री सिंह ने यहां तैनाती के दौरान सर्वेक्षण कराया था। इसके अलावा मिर्जापुर में छानबे, कोन, मझवां, सीखड़ आदि क्षेत्रों में नहरों से सिंचाई व्यवस्था के लिए ज्ञानपुर पम्प कैनाल जैसी व्यवस्था होनी चाहिए।
*नई व्यवस्था की शुरुआत*
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तेजी से विकसित होते दौर में सिंचाई विभाग को किसानों के हित के लिए कुछ नई व्यवस्था की भी प्लानिंग बनानी चाहिए। सिंचाई डैम तथा आसपास की जगहों पर सिंचाई विभाग को बड़े स्तर का स्टोर भी बनवाने की पहल करनी चाहिए, जहां उत्पादित फसल सुरक्षित किसान खरीद सके। इसके अलावा स्प्रिंकिलर सिस्टम, सोलर लाइट आदि की व्यवस्था, पम्प कैनालों तथा ट्यूबबेलों को सोलर सिस्टम से संचालित किया जाना चाहिए ताकि बिजली की अनुपलब्धता पर मशीनें बंद न हो सके। नहरों की देखरेख के लिए सिंचाई-मित्र रखे जाएं । छुट्टे पशुओं से फसलों को बचाने के लिए कटीले तार की भी व्यवस्था सब्सिडी आदि द्वारा की जानी चाहिए। महत्त्वपूर्ण नगरों में गंगा कटान रोकने के लिए भी योजना मूर्त होनी चाहिए। इस तरह सिंचाई विभाग को और भी किसान-हितैषी कदम उठाने के लिए योजना बनानी चाहिए।
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*सलिल पांडेय, मिर्जापुर।*