#30 दिन और 48 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हुई FIR, कहां अटका है केस? भगदड़ में हुई थी 18 की मौत#

15 फरवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की हुई थी मौत
-रेलवे की तरफ से मामले की अभी की जा रही जांच, पांच अधिकारियों का पद से हटाया

FIR not filed even after one month in New Delhi Railway Station stampede case

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना को एक महीन हो चुका है, लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस रेलवे की तरफ मामले में गठित जांच टीम ने जांच पूरी नहीं की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर रेलवे पुलिस घटना के संबंध में आगे जांच बढ़ाएगी।
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पांच अधिकारियों को हटाया गया था पद से
वहीं दूसरी तरफ से भगदड़ की घटना के बाद रेलवे के पांच अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया गया है। घटना के बाद रेल प्रशासन ने 4 मार्च को चार अलग-अलग आदेश जारी कर पांच अधिकारियों को उनके पद से हटाया दिया गया।
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दो को मिल गई तैनाती
हटाए गए अधिकारियों में स्टेशन डायरेक्टर महेश यादव, डिवीजनल कॉमर्शियल मैनेजर (सीनियर डीसीएम) आनंद मोहन, डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) सुखविंदर सिंह, एडिशनल डिवीजनल रेलवे मैनेजर (एडीआरएम) विक्रम सिंह राणा और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर महेश चंद सैनी शामिल है। इनमें से दो अधिकारियों को फिर से अलग-अलग जगह तैनात किया गया है।
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बड़ी कार्रवाई की चल रही तैयारी
रेलवे सूत्रों ने बताया कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से हादसा हुआ है उनकी जवाबदेही तय करने के लिए उच्च स्तरीय जांच चल रही है। बताया जा रहा है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को महज तबादले से नहीं छोड़ा जाएगा। उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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हादसे में हुई थी 18 लोगों की मौत
बता दें कि 15 फरवरी की शाम को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14-15 पर भगदड़ हुई थी। यात्रियों की भारी संख्या महाकुंभ मेले में भाग लेने के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेन पकड़ने कोशिश कर रहे थे। इसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी और एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हुई थे।
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पूर्व में हुई भगदड़ की घटनाओं की जांच नहीं बढ़ी आगे
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से हुई मौत की घटना पहली बार नहीं हुई थी। इससे पहले भी दो बार भगदड़ हुई, जिसमें सात लोगों की मौत और 16 लोग घायल हुए थे। लेकिन खास बात यह है कि इन दोनों घटनाओं में पुलिस जांच आगे नहीं बढ़ी बल्कि रेलवे पुलिस ने मामलों की अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर जांच को हमेशा के लिए बंद कर दिया।
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छठ पर मची थी भगदड़
13 नवंबर 2004 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लैटफॉर्म संख्या 2-3 पर भगदड़ हुई थी। छठ पर्व के लिए प्लैटफॉर्म पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही थी। इसी दौरान धक्का लगने की वजह से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 5 महिलाओं की मौत हो गई थी, जबकि 10 लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने एक बुजुर्ग की शिकायत पर लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। इसके दो साल बाद एक मार्च को जांच अधिकारी ने कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर दी। यहां तक कि रेलवे को अपनी जांच में भी जिम्मेदार का पता नहीं चल पाया।
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15 साल पुराना केस भी अनट्रेस 
वहीं दूसरी घटना 2010 को हुई। रेलवे स्टेशन के प्लैटफॉर्म संख्या 12-13 पर भगदड़ में दो यात्रियों की मौत हुई और छह लोग घायल हुए थे। प्लैटफॉर्म पर बिहार जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस के यात्री जमा हो रहे थे। इसी दौरान ट्रेन के प्लैटफॉर्म बदलने की सूचना प्रसारित हुई और भगदड़ मच गई। इस मामले में भी दो साल बाद अनट्रेस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई।