#चार बार सांसद… पांच बार विधायक के बाद रमाकांत यादव अब गैंगस्टर; इस कांड में आरोपी हैं सपा MLA#

जहरीली शराब कांड के आरोपी सपा विधायक रमाकांत यादव की राजनीति में अच्छी खासी धमक है। वह आजमगढ़ से चार बार सांसद रहे हैं और फूलपुर- पवई विधानसभा सीट से पांचवीं बार सपा के टिकट पर विधायक हैं।
विधायक बनने के बाद 2022 में माहुल में हुए जहरीली शराब कांड ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। दो साल से अधिक समय से वह जेल में बंद हैं। अब उन्हें आईआर-42 गैंग के रूप में सूचीबद्ध किया है।फूलपुर क्षेत्र के अंबारी निवासी रमाकांत यादव ने 1985 में राजनीति में कदम रखा। फूलपुर पवई विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे और विधायक बने। इसके बाद वह लगातार तीन बार विधायक चुने गए। 1996 में आजमगढ़ से सांसद चुने गए।
इसके बाद वह चार बार सांसद बने। 2019 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह कांग्रेस में शामिल हो गए। मगर चुनाव हार गए। फिर सपा में शामिल होकर फूलपुर-पवई विधानसभा सीट से 2022 में चुनाव मैदान में उतरे और विजय हासिल की।

1998 में लोकसभा चुनाव में मतगणना से पहले बसपा प्रत्याशी रहे अकबर अहमद डंपी से हुई मारपीट के मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा। 2022 में माहुल में जहरीली शराब कांड में सात लोगों की मौत हो गई थी, इस घटनाक्रम में भी उनका नाम सामने आया, तब से वह जेल में बंद हैं।

आरोप है कि रमाकांत के भांजे रंगेश यादव के ठेके से ही जहरीली शराब की बिक्री हुई थी। बीते दिनों एडीजी वाराणसी जोन ने जेल में बंद सपा विधायक रमाकांत यादव और उनसे जुड़े 15 सदस्यों को हत्या, मिलावटी शराब बनाकर लाइसेंसी देशी शराब की दुकान पर बेचने जैसे जघन्य अपराध में आईआर-42 गैंग के रूप में सूचीबद्ध किया है। सपा विधायक जुलाई 2022 से जेल में बंद हैं।

ये हैं गैंग के सदस्य
गैंग के सदस्य रंगेश यादव जौनपुर, सूर्यभान दीदारगंज, पुनीत कुमार यादव दीदारगंज, रामभोज अहरौला, अशोक यादव फूलपुर, मोहम्मद फहीम अहरौला थाना क्षेत्र का रहने वाला है। पंकज यादव दीदारगंज, मोहम्मद नदीम अहरौला, मोहम्मद कलीम अहरौला, मोहम्मद सलीम, अहरौला, शाहबाज अहरौला, नसीम नेता उर्फ नसीम रुपाईपुर अहरौला, रवि कुमार क्षत्रिय उर्फ राजकुमार वाराणसी, जबकि जोयन्ता कुमार मिश्रा पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले का रहने वाला है।

रमाकांत यादव पर हत्या और मिलावटी शराब बनाने और आपूर्ति का आरोप है। इस वजह से उनके गैंग को सूचीबद्ध किया गया है। गैंग को आईआर- 42 कोड मिला है। इसमें रमाकांत के अलावा इसमें 15 सदस्य और हैं। सभी पर गैंगस्टर एक्ट के साथ कार्रवाई की जा रही है। गैंग पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है