लोग खौफजदा हैं। खुराफाती फिर से हिमाकत ना करें, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है। ड्रोन से भी निगरानी कराई जा रही है। ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी बॉडीवार्न कैमरों से लैस हैं।
बाजार में दुकान खोलने से कतरा रहे लोग
रविवार को पुलिस और उग्र भीड़ के बीच हुए पथराव और फायरिंग के दूसरे दिन दैनिक जागरण की टीम ने शहर के हाल को जाना। आमतौर पर सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाले शंकर चौराहे से लेकर तहसील रोड तक चहलकदमी न के बराबर थी। बाजार बंद था। दोपहर बाद कुछ हिंदू समुदाय के व्यापारी प्रतिष्ठान खोलने पहुंचे, मगर बवाल पर कुछ भी बोलने से इनकरी कर दिया। माहौल को भांप दुकानें ज्यादा देर नहीं खुली। असर जिला अस्पताल तक दिखा। जहां रोजाना भीड़ रहती थी, मगर घटना के बाद वहां सन्नाटा था।बाजारों में कम ही रही चहलकदमी।
अस्पतालों की ओपीडी में भी सन्नाटा
अस्पताल में एक-दो मरीज ही दिखाई दिए। स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि घटना के बाद लोग डरे-सहमे हुए हैं। जो लोग ओपीडी या अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आते थे, नजर नहीं आए हैं। स्वास्थ्य कर्मी भी खाली बैठे दिखे। शंकर चौराहे के नजदीक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर करीब पांच कर्मचारी कुर्सियों पर बैठकर आराम फरमाते दिखे। पूछने पर बताया कि आमतौर पर सोमवार के दिन अस्पताल में सबसे अधिक भीड़ रहती है क्योंकि शनिवार और रविवार के बाद ओपीडी खुलती है, लेकिन घटना की वजह से बिल्कुल सन्नाटा है। अस्पताल के सामने मेडिकल स्टोर तो खुले थे, लेकिन अन्य दुकानें बंद थी।
पुलिस ही पुलिस
टीम ने जब आगे की ओर रुख किया तो तहसील परिसर में भी सन्नाटा पसरा मिला। यहां चकबंदी के न्यायालय के अलावा अधिवक्ताओं के भी चेंबर हैं, मगर कोई नजर नहीं आया। टंडन तिराहे से लेकर संभल कोतवाली तक सिर्फ पुलिस ही नजर आई। जामा मस्जिद वाली गली के आसपास सन्नाटा रहा।
नगर पालिका ने हटाया मलबा
आगजनी और पथराव के निशान नजर आए। आगजनी के बाद वहां राख फैली हुई है, हालांकि नगर पालिका के कर्मियों ने मलबे को हटा लिया था। ईंट और पत्थर फेंके जाने के निशान दीवारों पर साफ नजर आ रहे थे। जामा मस्जिद के चारों ओर पुलिस बल की तैनाती ऐसी थी कि मानो कर्फ्यू लगा हो। आसपास के घरों में ताले लटके हुए थे।
झड़प वाले घरों के आसपास से लोग हुए फरार
पुलिस का मानना है कि जिस स्थान पर पुलिस के साथ झड़प हुई थी, वहां आसपास के घरों में रहने वाले लोग फरार हो चुके हैं। यहां से मनोकामना कालोनी तक भी माहौल शांत दिखा। उधर, नखासा क्षेत्र में भी पुलिस के वाहनों के सायरन की आवाज गूंजती रही। कोतवाली के सामने खड़े एक व्यक्ति ने बताया लोग गिरफ्तारी के डर से गायब हैं।