रिपोर्टर रोशन लाल
मुंबई -विश्व हृदय दिवस के अवसर पर, फोर्टिस हास्पीटल मुलुंड के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अतुल लिमये ने कहा कि हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग सबसे अच्छा विकल्प है। उन्होंने कहा कि कोरोनरी धमनी रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोलेस्ट्रॉल युक्त प्लाक हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में रुकावट पैदा करता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर,मधुमेह,उच्चरक्तचाप, धूम्रपान और गतिहीन जीवन शैली सभी हृदय रोग में योगदान करते हैं।
ऐसे कई पारंपरिक जोखिम कारक हैं जो हृदय रोग में योगदान करते हैं। उदाहरण के लिए, हृदयाघात के सभी पीड़ितों में से केवल 50 प्रतिशत में ही उच्च कोलेस्ट्रॉल होता है। ऐसे कई कारक हैं जो हृदय रोग का कारण बन सकते हैं। इसी तरह, कैल्शियम की सही मात्रा का पता लगाने और उसका सटीक आंकड़ा जानने के लिए सीटी स्कैन किया जा सकता है। कैल्शियम की मात्रा जितनी अधिक होगी, हृदय तक जाने वाली कोरोनरी धमनियों पर कैल्सीफाइड प्लाक का बोझ उतना अधिक होगा, और इसलिए जोखिम भी अधिक होगा।
हृदय विकार का मुख्य कारण बदलती जीवनशैली है। डॉ. अतुल लिमये ने यह भी कहा कि एक साधारण रक्त परीक्षण या स्कैन लोगों को अपनी जीवनशैली बदलने के लिए प्रेरित कर सकता है।
खासतौर पर हृदय रोग से बचने के लिए एहतियाती उपाय करना जरूरी है। इनमें स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना, रक्तचाप, शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना, वजन को नियंत्रण में रखना और तंबाकू के सेवन से बचना शामिल है। इसके अलावा जरूरी मेडिकल टेस्ट, टेस्ट और स्कैन कराना भी उतना ही जरूरी है