#Navratri 2024: शिव की काशी में नवरात्रि की धूम, प्रतिपदा पर विश्वनाथ धाम समेत छह जगहों पर विराजेंगी मां दुर्गा#

शिव की नगरी काशी शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा से शक्ति की आराधना में लीन हो जाएगी। हर-हर महादेव के जयघोष के साथ ही जय मां दुर्गे के जयकारे भी सुनाई देंगे। पहली बार श्री काशी विश्वनाथ धाम के प्रांगण में कलश स्थापना होगी और नौ दिनों तक सप्तशती के ओजस मंत्र से धाम गुंजायमान होगा। इसके साथ ही शहर के पांच स्थानों पर मां दुर्गा की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

तीन से 11 अक्तूबर तक मां दुर्गा की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र मनाया जाएगा। अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तीन अक्तूबर से नवरात्र शुरू होगा। इस बार नवरात्र में चतुर्थी तिथि की बढ़ोत्तरी और नवमी तिथि का क्षय है। इसलिए 11 अक्तूबर को ही महाष्टमी व महानवमी व्रत रखा जाएगा। तीन अक्तूबर को कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:07 बजे से सुबह 9:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:37 बजे से 12:23 बजे तक रहेगा। हालांकि सुबह से शाम तक घट स्थापना कभी भी की जा सकती है।शास्त्रानुसार सुबह घट स्थापना का विशेष महत्व है। नवरात्र के पहले दिन नवापुरा, दारानगर, सुड़िया, गायघाट और टाउनहॉल के पंडाल में प्रतिमाएं स्थापित हो जाएंगी। कलश स्थापना के साथ ही नौ दिवसीय अनुष्ठान भी शुरू हो जाएंगे। शहर के दूसरे पंडालों को भी अंतिम स्वरूप देने के साथ षष्ठी तिथि से पंडालों में प्रतिमाएं पहुंचने लगेंगी। 12 अक्तूबर को विजयदशमी का महापर्व मनाया जाएगा और प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ रावण दहन होगा।

जिले भर में 648 स्थानों पर स्थापित होंगे पूजा पंडाल
दुर्गा पूजा के लिए जिले भर में 648 स्थानों पर पूजा पंडाल स्थापित किए जाएंगे। कहीं सौ फीट का पंडाल तो कहीं 70 फीट का पंडाल आकर्षण का केंद्र होगा। किसी पूजा पंडाल में मां न्यायाधीश के रूप में तो कहीं झूले पर, कहीं सिंहासन पर विराजमान होकर दर्शन देंगी।