#अमित शाह के फेक वीडियो मामले में गिरफ्तार अरुण रेड्डी को भेजा गया जेल, पुलिस मान रही मुख्य साजिशकर्ता#

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के मामले में गिरफ्तार किए गए तेलंगाना कांग्रेस की इंटरनेट मीडिया टीम के राष्ट्रीय समन्वयक अरुण बी रेड्डी को सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
तीन दिन की रिमांड समाप्त होने पर पुलिस ने रेड्डी को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया। वहीं, रेड्डी ने जमानत की मांग करते हुए आवेदन दायर किया। जिसपर अदालत ने जांच अधिकारी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए रेड्डी को फिलहाल एक दिन के लिए जेल भेज दिया। जमानत याचिका पर सात मई को सुनवाई होगी।
पूछताछ के आधार पर आरोपी की तलाश
तीन दिन तक अरुण रेड्डी से पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी नहीं मिल पाई कि फेक वीडियाे रेड्डी ने ही बनाया था अथवा किसी अन्य ने। इससे पूछताछ के आधार पर पुलिस मुख्य आरोपित तक पहुंचने में जुटी हुई है। दिल्ली पुलिस की 10 सदस्यीय टीम एक सप्ताह से हैदराबाद में ही रहकर कांग्रेस कार्यालय में जाकर वहां मौजूद नेताओं व अन्य से पूछताछ कर पता लगा रही है कि वीडियो किसने बनाया है।

पुलिस का कहना है कि रेड्डी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। पहले पुलिस ने इसके लैपटाप व मोबाइल से डिलीट हुए डाटा को खुद ही रिकवर करने का निर्णय लिया था। इसकी काशिश भी की गई लेकिन बाद में दोनों इलेक्ट्रानिक गजट को जांच के लिए एफएसएल को भेज दिया गया। एफएसएल के अधिकारी से जल्द रिपोर्ट देने का अनुरोध किया गया है।

पुलिस को शक- रेड्डी प्रमुख साजिशकर्ता हो सकता है
बीते शुक्रवार को अरुण रेड्डी को गिरफ्तार करने के बाद उसके मोबाइल व लैपटॉप की जांच में डाटा डिलीट पाए जाने के बाद ही स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस (आइएफएसओ) ने मुकदमे में आपराधिक साजिश रचने की धारा जोड़ दी थी। पुलिस को शक है कि रेड्डी कुछ प्रमुख साजिशकर्ताओं में एक हो सकता है। इसने एक्स पर ”स्पिरिट आफ कांग्रेस” नाम से अकाउंट खोला था।

पुलिस का कहना है कि तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश सचिव शिवा शंकर, पार्टी प्रवक्ता आसमा तस्लीम, इंटरनेट मीडिया प्रभारी माने सतीश व इंटरनेट मीडिया कन्वेनर नवीन को पुलिस ने जांच में शामिल होने के लिए दोबारा नोटिस दिया था। उक्त नोटिस पर चारों में कोई भी सोमवार को जांच में शामिल नहीं हुआ।