#जौनपुर के रण में अहम फैक्टर बने धनंजय सिंह, बसपा से पत्नी श्रीकला चुनावी मैदान में; सपा-भाजपा की बढ़ी धड़कन#
कभी हां, कभी ना की परिस्थितियों के चलते पूर्व सांसद धनंजय सिंह के चुनाव नहीं लड़ पाने के बावजूद जौनपुर लोकसभा सीट के चुनावी रण में यह अहम फैक्टर बनकर उभरे हैं। यहां से उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला सिंह चुनाव मैदान में कूद चुकी हैं।
अपहरण व रंगदारी के चार साल पुराने मामले में कोर्ट से सात वर्ष की सजा पाने के बाद जेल भेजे गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह बुधवार को जमानत पर जेल से बाहर आ गए। वह बरेली जेल में बंद थे।
हाईकोर्ट ने हाल ही में उनकी जमानत अर्जी तो मंजूर कर ली थी, हालांकि सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। जमानत पर उनके बाहर आने का यहां उनके समर्थकों को बेसब्री से प्रतीक्षा थी। इस सीट पर भाजपा के कृपाशंकर सिंह और सपा के बाबू सिंह कुशवाहा के सामने उनकी पत्नी श्रीकला सिंह चुनाव लड़ रही हैं।
जेल जाने के बाद धनंजय सिंह के कुछ समर्थक जो इधर-उधर छिटकने लगे थे, अब वापस एकजुट होने लगे हैं। समर्थक पूर्व सांसद के यहां आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
2009 में धनंजय ने जौनपुर से जीता था चुनाव
राजनीति के जानकारों का मत है कि धनंजय के जेल से बाहर आने व क्षेत्र में मौजूद रहने से उनकी पत्नी श्रीकला के चुनाव अभियान को गति मिलने से इंकार नहीं किया जा सकता। धनंजय सिंह 2009 में जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बन भी चुके हैं। इसलिए उन्हें इस क्षेत्र के चुनावी समीकरणों की भलीभांति जानकारी भी है।
प्रचार अभियान में उनकी सक्रियता से जहां बसपा के परंपरागत मतदाताओं का उत्साह परवान चढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है वहीं समर्थकों में भी खास जोश तय माना जा रहा है।